अमेरिका से लेकर भारत में इस दवा पर रिसर्च जारी है ताकि कोरोना के खिलाफ जंग में एक नया हथियार मिल सके. भारत के 4 अस्पतालों में करीब 300 मरीजों पर इस दवा का ह्यूमन ट्रायल किया जा रहा है.
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नई दिल्ली: कोरोना महामारी से लड़ने के लिए रोज नए हथियार खोजे जा रहे हैं और इसके खिलाफ कारगर दवाओं में समय के साथ बदलाव किया गया है. अब गठिया के इलाज में काम आने वाली दवा कोल्चीसीन (Colchicine) के कोरोना के खिलाफ प्रभावी माना जा रहा है.
हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक कोल्चीसीन को कोरोना के नए वैरिएंट B.1.617.2 के इलाज में प्रभावी माना जा रहा है और अध्ययन में इस बात पर मुहर लगाई गई है. दवा के ट्रायल में देखने को मिला कि इससे कोरोना संक्रमित मरीजों में हार्ट संबंधी बीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है.
ट्रायल से संबंधित एक रिसर्च न्यू इग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में भी प्रकाशित हुई थी. अब ICMR के वैज्ञानिकों ने इस दवा के बारे में और आंकड़े जुटाने शुरू कर दिए हैं. साथ ही ड्रग DCGI से प्री क्लीनिकल ट्रायल के बाद कोल्चीसीन के दूसरे और तीसरे फेस के ट्रायल की इजाजत भी मांगी थी जिसे अब हरी झंडी मिल गई है.
अमेरिका से लेकर भारत में इस दवा पर रिसर्च जारी है ताकि कोरोना के खिलाफ जंग में एक नया हथियार मिल सके. भारत के 4 अस्पतालों में करीब 300 मरीजों पर इस दवा का ह्यूमन ट्रायल किया जा रहा है.
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कोल्चीसीन को लेकर अन्य देशों में अब तक किए गए अध्ययन से एक और बड़ी बात निकलकर सामने आई है. जानकारी के मुताबिक यह दवा बीमारी को गंभीर होने से रोकती है. साथ ही मरीजों की वेंटिलेटर पर निर्भरता और मृत्यु दर को कम करती है. बावजूद इसके अब तक किसी भी देश ने कोरोना के इलाज के लिए इस दवा को मंजूरी नहीं दी है.