वेंकटेश कई बार पानी मे गिरा भी पर उसने परवाह नही की क्योंकि मरीज का वक़्त रहते अस्पताल पहुंचना जरूरी था.
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कर्नाटक: रायचूरू जिले के एक छोटे से गांव के रहने वाले वाले 12 साल वेंकटेश को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रायचूरू के कलेक्टर ने बहादुरी का पुरस्कार दे कर सम्मानित किया. वेंकटेश को ये सम्मान उसे उसकी बहादुरी और समझ के लिये दिया गया. बात पिछले सप्ताह की है जब बाढ़ से घिरे अपने गांव हरियानकुंपे मे वेंकटेश मौजूद था. उसी समय एक एम्बुलेंस उसके पास आ के रुकी. एंबुलेंस में मरीज मौजूद था. ड्राइवर ने वेंकटेश को कहा कि पानी इतना ज्यादा है कि वो तय नही कर पा रहा कि आखिर रास्ता किधर है. ड्राइवर ने उससे रास्ता दिखाने का आग्रह किया.
वेंकटेश ने बजाय रास्ता बताने के ये तय किया कि वो मुख्य सड़क तक एंबुलेंस को गाइड करेगा. फिर क्या था वेंकटेश ने गांव की पहचानी सड़क पर दौड़ लगानी शुरू की. उसे ना सिर्फ रास्ते का पता था बल्कि ये भी मालूम था कि गड्ढे कहा हैं. बचते- बचाते वेंकटेश ने एंबुलेंस को मुख्य सड़क तक पहुंचा दिया.
इस क्रम में वेंकटेश कई बार पानी मे गिरा भी पर उसने परवाह नही की क्योंकि मरीज का वक़्त रहते अस्पताल पहुंचना जरूरी था. वेंकटेश के इस दिलेरी को कुछ लोगों ने मोबाइल पर रिकॉर्ड कर लिया. वीडियो वायरल हुया. प्रशासन ने जब पूरे प्रकरण को जाना और समझा तो पाया कि वेंकटेश वाकई तारीफ के काबिल है. आज पुरस्कार देते हुए भी कलेक्टर ने उसकी भूरी भूरी प्रशंसा की.