Eknath Shinde Vs Uddhav Thackeray: शिवसेना के स्थापना दिवस पर तीखी नोकझोंक दिखी. उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए गद्दार कहा तो डिप्टी सीएम शिंदे ने पलटवार करते हुए कहा कि उन्होंने हिंदुत्व त्याग दिया है. शिंदे ने शिवसेना उबाटा को धोते हुए कांग्रेस को भी लपेटे में लिया और राहुल गांधी को पाकिस्तानी एजेंट बता दिया.
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Shiv Sene Politics: सियासत में स्थानी दोस्ती या दुश्मनी नहीं होती, हालांकि जब बसा बसाया घर यानी राजनीतिक पार्टी टूटती है तब जिंदगी भर की सियासी कुट्टी, पॉलिटकल दुश्मनी में बदल जाती है. ये मिसाल शिवसेना के नेताओं पर एकदम फिट बैठती है. शिव सेना स्थापना दिवस के मौके पर शिवसेना अध्यक्ष और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने 'उद्धव'सेना शिवसेना उबाटा (Shiv Sena UBT) और कांग्रेस को धो डाला. वहीं ठाकरे ने शिंदे को गद्दार का टैग देते हुए कहा- 'दम है तो मारकर दिखा'. उद्धव ने 'Come On Kill Me' कहकर BMC चुनावों से पहले एक बार फिर महाराष्ट्र का सियासी पारा हाई कर दिया.
आपसी हमलों का नया दौर
दो टुकड़ों में बंट चुकी शिवसेना के दोनों धड़ों ने शक्ति प्रदर्शन किया. उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे ने एक दूसरे पर जुबानी तीर चलाने में कसर नहीं छोड़ी. शिंदे ने कहा, 'हमें ऑपरेशन सिंदूर पर गर्व है. कुछ लोग भारत की सेना पर संदेह करते हैं, उन्हें सेना पर भरोसा नहीं. उन्हें PAK सेना चीफ असिम मुनीर पर भरोसा है. हमारे सैनिकों की बहादुरी को सलाम करने के बजाय वे हमारे हथियारों को हुए नुकसान के बारे में पूछ रहे हैं. ऐसे सवाल उठाना देशद्रोह के बराबर है.
उद्धव बोले Come On... Kill Me
सायन में स्थापना दिवस की रैली में बोलते हुए, उद्धव ठाकरे ने 1991 की फिल्म प्रहार का एक संवाद सुनाया, जिसमें उन्होंने कहा, 'फिल्म में नाना पाटेकर की तरह, मैं इन गद्दारों के सामने खड़ा हूं और उनसे कह रहा हूं, आओ, मुझे मार दो.'
गद्दारांच्या समोर उभा राहून मी सांगतो,
COME ON KILL ME pic.twitter.com/eeONCQnNkT— ShivSena - शिवसेना Uddhav Balasaheb Thackeray (@ShivSenaUBT_) June 19, 2025
इसके बाद शिंदे ने कहा, 'राहुल गांधी और उनकी पार्टी के लोग और उनके सहयोगी जो अब हिंदुत्व का रास्ता छोड़ चुके हैं वो पाकिस्तानी एजेंटों की तरह काम कर रहे हैं.'
इस वाकयुद्ध और सियासी द्वंदयुद्ध की सबसे खास बात ये रही कि दोनों नेताओं के निशाने पर बीजेपी रही. उद्धव ठाकरे ने अपने भाषण में बीजेपी को डायरेक्ट लपेटातो शिंदे ने घुमा फिराकर घेरा. माना जा रहा है आपसी रंजिश के बीच अचानक तेज हुई जुबानी जंग की एक अहम वजह विशुद्ध रूप से बीएमसी का आगामी चुनाव रही.
ठाकरे को गुस्सा इस बात का है कि बीजेपी ने उनकी शिवसेना को तोड़ डाला, वहीं शिंदे इसलिए खफा हैं क्योंकि बीजेपी ने उनको दोबारा मुख्यमंत्री नहीं बनने दिया.