खड़गे ने CBI निदेशक को छुट्टी पर भेजे जाने को बताया 'अवैध', फैसले के खिलाफ गए अदालत
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खड़गे ने CBI निदेशक को छुट्टी पर भेजे जाने को बताया 'अवैध', फैसले के खिलाफ गए अदालत

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र के सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने के फैसले को 'अवैध' और सीबीआई अधिनियम का उल्लंघन करार देते हुए इसके खिलाफ शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे.फाइल फोटो

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने केंद्र के सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजने के फैसले को 'अवैध' और सीबीआई अधिनियम का उल्लंघन करार देते हुए इसके खिलाफ शनिवार को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. लोकसभा में कांग्रेस के नेता खड़गे ने अपनी याचिका में कहा कि अधिनियम के मुताबिक सीबीआई निदेशक की नियुक्ति या उसे हटाने के बारे में नेता प्रतिपक्ष, प्रधानमंत्री और प्रधान न्यायाधीश की तीन सदस्यीय समिति को ही अधिकार है. उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) के पास सीबीआई निदेशक के खिलाफ कार्रवाई का कोई अधिकार नहीं है.

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कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे 

खड़गे ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करने की पुष्टि करते हुए बताया, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वत: संज्ञान लेते हुए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने की कार्रवाई अवैध है और यह सीबीआई अधिनियम का उल्लंघन भी है.’’ पार्टी सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस ने खड़गे से कहा था कि वह इस संबंध में याचिका दायर करें. खड़गे सीबीआई निदेशक की नियुक्ति करने वाली समिति के सदस्य भी हैं. 

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अस्थाना के खिलाफ सुनवाई में यथास्थिति बनाए रखने की अवधि 14 नवंबर तक बढ़ाई
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ कथित घूसखोरी के मामले में चल रही कार्यवाही पर यथास्थिति बनाये रखने के अपने आदेश की अवधि गुरूवार को 14 नवंबर तक के लिये बढ़ा दी. 
न्यायमूर्ति नाजमी वजीरी के समक्ष सीबीआई ने अस्थाना की अर्जी का विरोध किया जिसमें प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गयी थी. सीबीआई ने कहा कि मामले में विशेष निदेशक के खिलाफ पर्याप्त सामग्री है. न्यायमूर्ति वजीरी ने कहा, ‘‘अंतरिम आदेश सुनवाई की अगली तारीख यानी 14 नवंबर तक जारी रहेगा. ’’

अस्थाना और पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र कुमार की याचिकाओं के जवाब में सीबीआई ने कहा कि मामले में उनके खिलाफ जांच में उसके हाथ बांध दिये गये हैं क्योंकि फाइलें और दस्तावेज सीवीसी को जांच के लिए सौंप दिये गये हैं. उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद दस्तावेज सीवीसी को दिये गये. देवेंद्र कुमार को बुधवार को एक निचली अदालत ने जमानत दी थी. 

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CBI के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना 

सीबीआई और अस्थाना दोनों ही ने इस मामले में अवर पुलिस अधीक्षक एस. एस. गुर्म का पक्ष सुनने का अनुरोध करने वाली याचिका का विरोध किया. सीबीआई निदेशक आलोक कुमार वर्मा और अस्थाना के मतभेदों के बीच गुर्म का तबादला दिल्ली से जबलपुर कर दिया गया है. इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत में उस समय विवाद की स्थिति पैदा हो गयी जब दो अधिवक्ताओं के बीच इस बात को लेकर कहासुनी हो गयी कि केन्द्रीय जांच ब्यूरो का प्रतिनिधित्व कौन करेगा.

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सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा का फाइल फोटो...

अतिरिक्त सालिसीटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी इस मामले में 23 अक्टूबर को सुनवाई शुरू होने के बाद पहली बार पेश हुये और कहा कि उन्हें जांच ब्यूरो का प्रतिनिधित्व करने का निर्देश मिला है. दूसरी ओर, जांच ब्यूरो का अभी तक प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता के. राघवचार्युलू ने विक्रमजीत बनर्जी के पेश होने का विरोध करते हुये तर्क दिया कि उन्हें अस्थाना द्वारा याचिका दायर किये जाने के समय ही जांच एजेन्सी का प्रतिनिधित्व करने के लिये नियुक्त किया गया है. 

इनपुट भाषा से भी 

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