भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तिरंगा यात्रा देशभर में सैनिकों के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए आगे बढ़ रही है. गोवा ने इस मुहिम में एक विशेष और उल्लेखनीय भूमिका निभाई है.
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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की तिरंगा यात्रा देशभर में सैनिकों के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए आगे बढ़ रही है. गोवा ने इस मुहिम में एक विशेष और उल्लेखनीय भूमिका निभाई है. केवल प्रतीकात्मक रैलियों तक सीमित न रहते हुए, गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विष्वजीत राणे ने सैनिकों की सुरक्षा और कल्याण के लिए एक विशेष वैदिक अनुष्ठान अत्यति रुद्र अनुष्ठान का आयोजन किया है.
क्या बोले स्वास्थय मंत्री?
इस अवसर पर मंत्री राणे ने कहा, 'ऐसे समय में, राजनीति से परे जाकर हर नागरिक को कर्म, संकल्प और श्रद्धा के माध्यम से एकजुट होना चाहिए. यह अनुष्ठान हमारे जवानों को आध्यात्मिक ऊर्जा समर्पित करने का प्रयास है.' यह अनुष्ठान प्राचीन वैदिक परंपराओं पर आधारित है और इसमें प्रमुख वेदपाठी और आध्यात्मिक गुरुओं की भागीदारी है. माना जाता है कि यह अनुष्ठान शांति और सुरक्षा की कामना के लिए विशेष रूप से प्रभावी होता है, खासकर जब देश अस्थिरता और बाहरी खतरों से जूझ रहा हो.
ऑपरेशन सिंदूर के बीच और भी महत्वपूर्ण
हाल ही में संपन्न ऑपरेशन सिन्दूर के बाद यह पहल और भी महत्वपूर्ण बन गई है. यह सैन्य कार्रवाई भारतीय सेना द्वारा नियंत्रण रेखा पर सक्रिय आतंकी गतिविधियों के जवाब में की गई थी, जिसमें कई आतंकी ठिकाने ध्वस्त किए गए. ऑपरेशन की सफलता के बावजूद, पाकिस्तान सहित कुछ स्रोतों ने सोशल मीडिया पर झूठी खबरें फैलाईं, जैसे कि आदमपुर एयरबेस पर हमला हुआ हो. जिन्हें बाद में प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं स्थल पर जाकर खंडित किया.
सेना को दी ताकत
इसी सूचना युद्ध और मनोवैज्ञानिक मोर्चे का मुकाबला करने के लिए तिरंगा यात्रा शुरू की गई है. जिसका उद्देश्य केवल देशभक्ति का प्रदर्शन नहीं, बल्कि एक साझा संदेश देना है कि देश अपनी सेना के साथ पूरी ताकत से खड़ा है. गोवा में इसे आध्यात्मिक और सामाजिक एकता के रूप में प्रस्तुत कर, यह संदेश और भी प्रभावशाली बना है. तिरंगा केवल एक झंडा नहीं, बल्कि एक साझा संकल्प है रक्षा, श्रद्धा और सत्य के साथ.