कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अहमद पटेल ने गिरिराज सिंह के बयान को आधारहीन बताया और सवालिया लहजे में बीजेपी से सवाल पूछा कि क्या नानी के घर जाना कोई क्राइम है?
Trending Photos
नई दिल्ली: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अहमद पटेल ने शनिवार को केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के उस बयान पर पलटवार किया है जिसमें उन्होंने कहा था कि राहुल को पता है इटली कब जाना है. पटेल ने कहा कि बीजेपी ने इस तरह की टिप्पणी करना अपना प्रोफेशन बना लिया है. पटेल ने गिरिराज सिंह के बयान को आधारहीन बताया और सवालिया लहजे में पूछा कि क्या नानी के घर जाना कोई क्राइम है? कांग्रेस के अहम रणनीतिकारों में शुमार पटेल ने कहा कि कई लोग मौजूद हैं जो राहुल की अनुपस्थिति में पार्टी को हैंडल कर सकते हैं. एक अन्य कांग्रेस नेता कमलनाथ ने भी सिंह के बयान पर कड़ी आपत्ति जताई और उन्हें अपनी पार्टी के नेताओं पर ध्यान देने की हिदायत दी. कमलनाथ ने कहा कि गिरिराज को अपनी पार्टी के नेताओं के बारे में बात करनी चाहिए.
इससे पहले, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर प्रहार करते हुए उन्हें भगौड़ा बताया था. सिंह ने राहुल पर हमला करते हुए कहा था कि उन्होंने ऐसा शख्स पहले कभी नहीं देखा जो सच स्वीकार किए ही बिना गी विदेश यात्रा पर चला जाए. कांग्रेस पर आगे प्रहार करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा कि राहुल को पता था कि उनकी पार्टी की हार होने वाली है, इसलिए वे विदेश चले गए. उन्होंने राहुल पर आरोप लगाया कि वह राजनीति और गवर्नेंस को लेकर गंभीर नहीं हैं. उन्होंने महत्वपूर्ण समय पर अपने कार्यकर्ताओं को अकेला छोड़ दिया. कोई नेता अपने कार्यकर्ताओं को छोड़कर ऐसे समय में नहीं भागता.
मेघालय में सरकार बनाने की कवायद में जुटी कांग्रेस, अहमद पटेल-कमलनाथ को भेजा
उधर, तीन पूर्वोत्त्तर राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे आज भाजपा के लिए अच्छी खबर लेकर आए. त्रिपुरा में भगवा रंग लाल सलाम पर भारी पड़ा और भाजपा ने राज्य में 25 साल के वाम शासन को उखाड़कर अकेले दम बहुमत हासिल किया. नगालैंड में भाजपा को सरकार में शामिल होने का न्यौता मिला. हालांकि मेघालय में किसी दल को बहुमत नहीं मिला और वहां चुनाव परिणाम त्रिशंकु विधानसभा के रूप में निकला.
त्रिपुरा में पिछले चुनाव में एक भी सीट जीत पाने में नाकाम रही भाजपा ने इस बार आश्चर्यजनक प्रदर्शन किया है. तीनों राज्यों में 60-60 सदस्यीय विधानसभा हैं और विभिन्न कारणों से तीनों ही राज्यों में 59-59 सीटों पर मतदान हुआ. त्रिपुरा में लगातार 25 साल तक राज करने वाली माकपा को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा.