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नई दिल्ली: यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस (United Progressive Alliance) का अध्यक्ष कौन बने इसको लेकर यूपीए गठबंधन की पार्टियों में खींचतान तेज हो गई है. इस बीच यूपीए की कुर्सी शरद पवार (Sharad Pawar) को सौंपने का उपाय बताते ही शिवसेना (Shivsena) और कांग्रेस (Congress) में राजनीतिक दरार दिखने लगी है.
गौरतलब है कि शिवसेना (Shivsena) ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस (United Progressive Alliance) के नेतृत्व पर सवाल खड़े करते हुए यूपीए गठबंधन का चीफ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) को बनाने की वकालत की थी. जिसके बाद शिवसेना (Shivsena) और कांग्रेस के नेता एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करने लगे.
बता दें कि कांग्रेस (Congress) के अंतरिम अध्यक्ष के पद के लिए सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) का कार्यकाल जनवरी, 2021 में खत्म हो रहा है. ऐसे में ये चर्चा जोरों पर है कि कांग्रेस (Congress) का अगला अध्यक्ष कौन होगा. इस बीच शिवसेना (Shivsena) ने एनसीपी (NCP) चीफ शरद पवार (Sharad Pawar) को यूपीए का अध्यक्ष बनाने का सुझाव दिया.
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जान लें कि अब शिवसेना (Shivsena) और कांग्रेस (Congress) के बीच राजनीतिक दूरियां बढ़ गई हैं. कांग्रेस नेता और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने रविवार को कहा कि खुद शरद पवार (Sharad Pawar) ने ही यूपीए का चीफ बनने की बात का खंडन किया है.
कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने आगे कहा कि शिवसेना यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस (United Progressive Alliance) का हिस्सा नहीं है और कांग्रेस के साथ शिवसेना का गठबंधन सिर्फ महाराष्ट्र तक ही सीमित है.
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इससे पहले एनसीपी के चीफ शरद पवार ने कहा कि यूपीए का अध्यक्ष बनने में मेरी दिलचस्पी नहीं है. अनावश्यक तौर पर ये विवाद मेरे नाम से नहीं छेड़ा जाए.
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