Election Bond Matter: कांग्रेस पार्टी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. जिसमें कांग्रेस नेता अजय माकन ने सनसनीखेज आरोप लगाया कि मोदी सरकार के राज में लोकतंत्र फ्रीज हो गया है. सबको लगा कि कांग्रेस पार्टी इतना बड़ा आरोप लगा रही है तो जरूर कोई बहुत बड़ी बात हुई होगी. लेकिन फिर खोदा पहाड़, निकली चुहिया वाली बात हो गई. दरअसल लोकतंत्र फ्रीज नहीं हुआ था, बल्कि कांग्रेस के चार बैंक खाते फ्रीज हुए थे. और सारे बैंक खाते फ्रीज नहीं हुए थे. सिर्फ चार बैंक खाते फ्रीज हुए थे. जिसे कांग्रेस ने लोकतंत्र का फ्रीज होना घोषित कर दिया था. और मजे की बात देखिये कि सुबह ग्यारह बजे कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपने चार बैंक खाते फ्रीज होने का खुलासा किया और डेढ़ घंटे बाद यानी साढ़े बारह बजे..कांग्रेस के बैंक खाते दोबारा Activate भी हो गये.


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तो आखिर ये माजरा क्या है ? आपको आसान भाषा में समझाएंगे. कांग्रेस नेता अजय माकन के मुताबिक कांग्रेस को 14 फरवरी को जानकारी मिली कि कांग्रेस के चेक को बैंक इश्यू नहीं कर रहे हैं. बैंक से पूछा तो पता चला कि कांग्रेस पार्टी के चार बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिये गए हैं, जिनमें यूथ कांग्रेस के भी बैंक अकाउंट शामिल हैं. इसकी वजह बताई गई कि इनकम टैक्स विभाग ने कांग्रेस और यूथ कांग्रेस से 210 करोड़ रुपये की रिकवरी मांगी है. जिसे ना भरने की वजह से कांग्रेस के बैंक अकाउंट फ्रीज किये गये हैं.


मामला इनकम टैक्स से जुड़ा?
यानी मामला इनकम टैक्स से जुड़ा है. और इनकम टैक्स से जुड़ा मामला..Financial Issue होता है. जिसके लिए कांग्रेस 15 फरवरी को Income Tax Appelate Tribunal पहुंच गई. और आज इससे पहले कि ITAT..कांग्रेस के खातों पर लगी रोक को हटाने का आदेश देती. उससे पहले ही कांग्रेस ने इस Financial Issue को कैसे Political Issue बना दिया...ये अपने आप में किसी Comedy Show से कम नहीं है...और हम ऐसा क्यों कह रहे हैं..ये आपको इस रिपोर्ट में पता चलेगा...



अजय माकन: आप लोगों को जानकर आश्चर्य होगा और सही मायने में दुख भी होगा. हिन्दुस्तान के अंदर लोकतंत्र पूरी तरह से खत्म हो गया है. लोकतंत्र की तालाबंदी हो गई है.))


वाकई...सच में ? हिंदुस्तान के अंदर लोकतंत्र ही खत्म हो गया..अरे भई...ऐसा क्या हो गया ?


बाइट - अजय माकन ((हम लोगों को परसों यह जानकारी मिली कि हम लोग जो चेक जारी कर रहे, बैंक उसे क्लियर नहीं कर रहे हैं. उसके ऊपर जब हम लोगों ने आगे छानबीन की तो हमें बताया गया कि देश की मुख्य विपक्षी पार्टी के अकाउंट्स फ्रीज कर दिए गए हैं. कांग्रेस पार्टी के अकाउंट्स पर तालाबंदी हो गई है.))


अच्छा...कांग्रेस के बैंक अकाउंट्स फ्रीज हुए हैं..मतलब कांग्रेस के हाथ में पैसा खत्म हो गया ? ये तो कांग्रेस के लिए वाकई खतरे की बात है..लेकिन इसमें लोकतंत्र कहां से आ गया ? लोकतंत्र कैसे खत्म हो गया ?


बाइट - अजय माकन ((सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इलेक्शन बॉन्ड के जरिए मिले जिन पैसों को असंवैधानिक कर दिया है, उसे भाजपा खुलेआम खर्च कर रही है. ऐसे में देश में लोकतंत्र कहां से रह पाएगा. चुनाव से ठीक पहले अगर देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी का पैसा फ्रीज कर दिया जाता है तो इससे बड़ी दुख की बात कुछ नहीं हो सकती.))


अच्छा..अब कुछ-कुछ समझ में आ रहा है...चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस के चार बैंक अकाउंट फ्रीज हुए हैं..और बाकी के जो बैंक खाते हैं वो तो जीरो बैलेंस खाते होंगे..ये तो वाकई बड़े दुख की बात है...कांग्रेस के लिए...


बाइट - अजय माकन ((अभी हमारे पास खर्च करने के लिए पैसे नहीं हैं. बिजली बिल, कर्मचारियों का वेतन, हमारी न्याय यात्रा सब कुछ प्रभावित हुआ है.ह लोकतंत्र को फ्रीज करने जैसा है))


बताइये..देश की सबसे पुरानी और देश की सबसे बड़ी कांग्रेस पार्टी के सिर्फ चार ही तो बैंक खाते थे..वो भी फ्रीज कर दिये गये. लोकतंत्र का तो पता नहीं लेकिन अब कांग्रेस का क्या होगा ?


बाइट - अजय माकन ((क्या हमारे देश के अंदर एक पार्टी का ही सिस्टम रहेगा. क्या देश के अंदर वन पार्टी पॉलिटिक्स रहेगी. बाकी दलों के अकाउंट्स फ्रीज हो जाएंगे. बाकी दलों को क्या रहने का अधिकार नहीं है.))


ये क्या बात हुई...बैंक खाते ही तो फ्रीज हुए हैं..कांग्रेस का चुनाव चिन्ह थोड़े ही फ्रीज हो गया है..कांग्रेस को चुनाव लड़ने के अयोग्य थोड़े ही घोषित कर दिया गया है. लेकिन पता नहीं क्यों..कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे को लग रहा है कि कांग्रेस पार्टी नहीं..बल्कि भारत का लोकतंत्र है. और कांग्रेस के खाते फ्रीज करवाकर मोदी सरकार ने लोकतंत्र को फ्रीज किया है. आखिर चार बैंक खाते सील होने पर कांग्रेस इतनी बौखला क्यों रही है ? बैंक खाते सील हुए तो कांग्रेस इतना डर गई कि पता नहीं अब क्या होगा ? चुनाव कैसे लड़ेंगे ?


मोदी सरकार की साजिश बता दिया
जबकि राहुल गांधी के मुताबिक..कांग्रेस के खाते सील होने पर डरना तो मोदी जी को चाहिए..क्योंकि कांग्रेस धन की ताकत का नहीं, जन की ताकत का नाम है. और कांग्रेस के जन की ताकत आज यूथ कांग्रेस ने बैंक खाते फ्रीज होने के खिलाफ सड़कों पर उतरकर दिखाई भी है.. कांग्रेस ने अपने बैंक खाते फ्रीज होने को लोकतंत्र का फ्रीज होना बताकर खूब ड्रामा किया. और इसे कांग्रेस को चुनाव लड़ने से रोकने के लिए मोदी सरकार की साजिश बता दिया. लेकिन एक ही घंटे में कांग्रेस के बैंक खातों को दोबारा एक्टिवेट भी कर दिया गया...ITAT ने कांग्रेस को राहत भी दे दी...


अब तो कांग्रेस के खातों पर लगी रोक भी हट गई..कांग्रेस को तो खुश होना चाहिए कि लोकतंत्र भी फ्रीज होने से बच गया. लेकिन कांग्रेस अब भी दुखी है...क्योंकि कांग्रेस के बैंक खाते तो डी-फ्रीज हो गये हैं..लेकिन मोदी सरकार को घेरने की उसकी सारी रणनीति फ्रीज हो गई है.
(दिल्ली से अंजलि सिंह और रवि त्रिपाठी के साथ ब्यूरो रिपोर्ट, ज़ी मीडिया)


ये रिपोर्ट देखकर आपको समझ में आ गया होगा कि कांग्रेस को तिल का ताड़ बना देने में कितनी महारत हासिल है. अब हम देश की सबसे पुरानी पार्टी..कांग्रेस से कुछ सवाल पूछना चाहते हैं.. सवाल ये है कि कांग्रेस पार्टी के चार बैंक अकाउंट फ्रीज होने का मतलब लोकतंत्र का फ्रीज होना कैसे हो गया ? अगर कांग्रेस के पास बिजली बिल, कर्मचारियों को वेतन और न्याय यात्रा निकालने के लिए पैसा खत्म हो गया तो हिंदुस्तान के अंदर लोकतंत्र पूरी तरह से खत्म कैसे हो गया ? अगर कांग्रेस के बैंक खाते सील हो भी गये तो इसका ये मतलब कैसे हो गया कि अब देश के अंदर वन पार्टी पॉलिटिक्स रहेगी ?


क्या कांग्रेस खुद को हिंदुस्तान समझती है और अपने बैंक खातों को हिंदुस्तान का लोकतंत्र ? क्योंकि कांग्रेस के तर्क से तो ऐसा ही लगता है कि उसके बैंक खाते सील नहीं हुए हैं बल्कि लोकतंत्र सील हो गया है. जबकि ये केस आयकर विभाग का एक सामान्य सा केस है. और इनकम टैक्स विभाग ने कांग्रेस के खातों को फ्रीज..पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हुए किया है...



ये पूरा मामला, वित्त-वर्ष 2018-2019 के इनकम टैक्स रिटर्न से जुड़ा है.


2018-19 में कांग्रेस पर आयकर विभाग का 135 करोड़ रुपए बकाया था. जिसमें करीब 103 करोड़ रुपये इनकम टैक्स और 32 करोड़ का ब्याज शामिल था. ये बकाया इसलिए था क्योंकि कांग्रेस पार्टी को Income-tax Act, 1961 की धारा 13A के तहत इनकम टैक्स में मिलने वाली छूट नहीं मिली. धारा 13A के तहत राजनीतिक दलों को चंदे की रकम पर इनकम टैक्स से छूट मिलती है.


लेकिन कांग्रेस को ये छूट इसलिए नहीं मिली क्योंकि कांग्रेस ने IT Act की धारा 13A के सेक्शन D की शर्तों को पूरा नहीं किया. धारा 13A का सेक्शन D कहता है कि किसी राजनीतिक दल को इनकम टैक्स में छूट इस आधार पर मिलेगी कि वो समय पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करे. खुद अजय माकन ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कबूल की है कि कांग्रेस ने रिटर्न फाइल करने में 45 दिन की देरी की थी.


लेकिन इनकम टैक्स छूट हासिल करने के लिए कांग्रेस ने Income Tax Assessment Office में केस फाइल किया. तब कांग्रेस को इनकम टैक्स की रकम यानी 104 करोड़ का बीस प्रतिशत यानी करीब 21 करोड़ रुपये देने के लिए कहा गया. लेकिन कांग्रेस ने सिर्फ 78 लाख रुपये जमा करवाए. इसके बाद इनकम टैक्स विभाग ने कांग्रेस से पूरे 104 करोड़ रुपये जमा करवाने की डिमांड की. जिसके खिलाफ कांग्रेस मई 2023 में ITAT चली गई. लेकिन तब भी कांग्रेस ने इनकम टैक्स विभाग की डिमांड पर रोक लगाने की Request File नहीं की.


इसके बाद अक्टूबर 2023 में कांग्रेस ने इनकम टैक्स विभाग को एक करोड़ 72 लाख रुपये की पेमेंट कर दी. आयकर विभाग के मुताबिक कांग्रेस पर अभी भी 115 करोड़ रुपये बकाया हैं. और इस रकम को वसूलने के लिए ही आयकर विभाग ने कांग्रेस के बैंक खातों को 14 फरवरी को फ्रीज किया था. जिसके खिलाफ कांग्रेस ने ITAT में अपील की थी. और आज ITAT ने उसे फौरी राहत देते हुए बैंक खातों पर लगी रोक को 21 फरवरी तक के लिए हटा दिया है.


लेकिन इनकम टैक्स विभाग ने कांग्रेस के खातों में 115 करोड़ रुपये का बैलेंस बनाए रखने का निर्देश दिया है. इससे तो यही साबित होता है कि कांग्रेस के खातों को फ्रीज करने की पूरी कार्रवाई...एक सामान्य रिकवरी प्रक्रिया है. जिसे कांग्रेस ने राजनीतिक रूप देने की कोशिश की है...और मोदी सरकार को दोषी ठहराया है..अब कांग्रेस के आरोपों के जवाब में बीजेपी ने भी पलटवार किया है...


अब इस केस में समझने वाली बात ये है कि कांग्रेस के खाते इसलिए फ्रीज हुए थे क्योंकि उसे 2018-19 में इनकम टैक्स रिटर्न में 105 करोड़ रुपये की छूट नहीं मिली थी. और ये छूट इसलिए नहीं मिली थी क्योंकि कांग्रेस ने उस वित्त वर्ष में मिले चुनावी चंदे की जानकारी आयकर विभाग को तय समय के अंदर नहीं दी थी. लेकिन सवाल है कि क्यों नहीं दी थी ? कांग्रेस इस सवाल का जवाब नहीं दे रही है. तो क्या कांग्रेस कुछ छिपा रही है.


अब एक दिलचस्प बात ये भी है कि कांग्रेस के बैंक खाते उस वक्त फ्रीज किये गये..जब इनकम टैक्स विभाग राजनीतिक दलों को चंदा देने के नाम पर टैक्स चोरी करने वालों पर कार्रवाई कर रहा है... एक रिपोर्ट के मुताबिक इनकम टैक्स विभाग ने ऐसे कई टैक्स पेयर्स को नोटिस दिया है जिन्होंने ऐसे राजनीतिक दलों को चंदा दिया है जो पंजीकृत हैं लेकिन चुनाव आयोग से मान्यता प्राप्त नहीं हैं.


दरअसल इनकम टैक्स विभाग ने ऐसे पांच हजार टैक्सपेयर्स की पहचान की है जिन्होंने अपनी कुल अमदनी से ज्यादा रकम..Registered Un Recognised Political Parties को चंदे में दी. इनकम टैक्स विभाग को ये भी पता चला है कि कम से कम बीस राजनीतिक दलों ने चंदा देने वाले टैक्सपेयर्स को कैश में पैसे रिटर्न भी किये हैं. ये बात किसी से छिपी नहीं है कि टैक्स चोरी करने और मनी लॉन्ड्रिंग के लिए चुनावी चंदे का दुरुपयोग किया जाता है. ऐसे में अच्छा होता कि आज कांग्रेस ये भी बता देती कि वर्ष 2018-19 में मिले चुनावी चंदे की रिपोर्ट..इनकम टैक्स विभाग को 45 दिन की देरी से क्यों दी गई ?