Operation Sindoor: कांग्रेस ने पहलगाम घटना, ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर पर बातचीत करने और अभी तक की जानकारी को जनता के सामने रखने के लिए संसद का स्पेशल सेशन बुलाने की अपील की है.
Trending Photos
Operation Sindoor: कांग्रेस ने पहलगाम घटना, ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर पर बातचीत करने और अभी तक की जानकारी को जनता के सामने रखने के लिए संसद का स्पेशल सेशन बुलाने की अपील की है. कांग्रेस ने कहा कि देश के लोगों और उनके प्रतिनिधियों को पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर और सीजफायर की पूरी जानकारी दी जाए. साथ ही, इसपर संसद में तफसील से चर्चा होनी चाहिए. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सरकार से कई सवाल भी पूछे. इनमें सबसे अहम सवाल यह है कि क्या नई दिल्ली ने भारत और पाकिस्तान के बीच तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के लिए दरवाजे खोले हैं और क्या पाकिस्तान के साथ डिप्लोमेटिक चैनल खोल दिए गए हैं?
उनकी यह टिप्पणी भारत और पाकिस्तान के बीच शनिवार को चार दिनों तक सरहद पार हुए संघर्षों के बीच आई है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया हैंडल 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, 'कांग्रेस प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक और पहलगाम हमले, ऑपरेशन सिंदूर तथा पहले वाशिंगटन डीसी से और फिर बाद में भारत और पाकिस्तान की सरकारों द्वारा की गई युद्ध विराम की घोषणाओं पर पूर्ण चर्चा के लिए संसद के एक विशेष सत्र की अपनी मांग दोहराती है.'
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस एक बार फिर यह मांग करती है कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए और पहलगाम, ऑपरेशन सिंदूर, तथा पहले वॉशिंगटन डीसी और उसके बाद भारत और पाकिस्तान की सरकारों द्वारा घोषित किए गए संघर्षविराम के विषय पर संसद का विशेष सत्र आयोजित किया जाए,…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 11, 2025
'क्या हमने शिमला समझौते को छोड़ दिया है?'
उन्होंने सवाल करते हुए पूछा कि, 'क्या हमने शिमला समझौते को छोड़ दिया है? क्या हमने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता के लिए दरवाजे खोल दिए हैं? कांग्रेस यह पूछना चाहेगी कि क्या भारत और पाकिस्तान के बीच राजनयिक चैनल फिर से खोले जा रहे हैं? हमने पाकिस्तान से कौन से प्रतिबद्धताएं मांगे हैं और हमें क्या मिला है?'
अमेरिकी विदेश मंत्री के बयान पर सरकार का बयान
वहीं, इससे एक दिन पहले सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने शनिवार को कहा था कि किसी अन्य स्थान पर किसी अन्य मुद्दे पर बातचीत करने का कोई फैसला नहीं हुआ है. यह बयान अमेरिकी विदेश मंत्री रुबियो के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि 'भारत और पाकिस्तान की सरकारें तत्काल युद्ध विराम और 'तटस्थ मंच' पर व्यापक मुद्दों पर बातचीत शुरू करने पर सहमत हो गई हैं.
कांग्रेस नेता ने भारत और पाकिस्तान के बीच बनी सहमति पर दो पूर्व सेना प्रमुखों वी पी मलिक और मनोज नरवणे की कथित टिप्पणियों का भी जिक्र किया और कहा कि वे खुद प्रधानमंत्री से जवाब मांगते हैं.
कांग्रेस ने IMF लोन पर कहा
रमेश ने कहा, 'आखिर में कांग्रेस का मानना है कि 1971 में इंदिरा गांधी के असाधारण साहसी और दृढ़ नेतृत्व के लिए उन्हें याद करना देश के लिए स्वाभाविक है. एक अन्य पोस्ट में कांग्रेस नेता ने कहा, 9 नवंबर 1981 को आईएमएफ ने भारत को 5.8 अरब अमेरिकी डॉलर का लोन मंजूर किया था. 'अमेरिका को इस पर कड़ी आपत्ति थी और उसने एग्जीक्यूटिव बोर्ड की बैठक से दूरी बना ली थी. लेकिन इंदिरा गांधी IMF को यह समझाने में सफल रहीं कि तेल की कीमतों में तीन गुना वृद्धि से निपटने के लिए भारत को यह लोन जरूरी है.' रमेश ने कहा, '29 फरवरी, 1984 को जब प्रणब मुखर्जी ने बजट पेश किया था, तो उन्होंने उनसे यह घोषणा करवाई थी कि भारत ने IMF प्रोग्राम को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और वह स्वीकृत राशि में से 1.3 अरब अमेरिकी डॉलर नहीं ले रहा है. आईएमएफ के इतिहास में यह शायद अनोखी बात है.'