एक महीने से अधिक समय से शाहीन बाग में इन प्रावधानों के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं.
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नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शनकारियों से मिलने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह पहुंचे. एक महीने से अधिक समय से शाहीन बाग में इन प्रावधानों के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं. दिग्विजय सिंह इनको समर्थन देने के लिए पहुंचे. हालांकि उनको स्टेज पर बोलने का मौका नहीं दिया. वापस लौटे. इस बीच कालिंदी कुंज रोड पर CAA के विरोध में धरना प्रदर्शन का मामला आज सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. वकील अमित साहनी ने SC में दायर याचिका में कहा कि रोड जाम से लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है लेकिन दिल्ली HC ने स्थिति की मॉनिटरिंग को लेकर कोई खास दिशा निर्देश देने के बजाए पुलिस को उचित कदम उठाने को कहकर मामले का निपटारा कर दिया.
याचिकाकर्ता ने मांग की है कि वहां बन रही स्थिति को और खराब होने से रोकने और हिंसक होने से बचने के लिए सुप्रीम कोर्ट अपने रिटायर्ड जज या दिल्ली HC के सेवारत जज से मॉनिटरिंग कराए.
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हाईकोर्ट ने शाहीन बाग विरोध प्रदर्शन से निपटने को कहा
इससे पहले 14 जनवरी को दिल्ली हाईकोर्ट ने नागरकिता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वह कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग पर यातायात सुगम बनाए और इस समस्या से समयबद्ध तरीके से कानून के अनुसार निपटे. मुख्य न्यायाधीश डी.एन. पटेल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की अगुआई वाली दिल्ली हाईकोर्ट की एक पीठ ने ये निर्देश पारित किए और याचिका का निस्तारण कर दिया.
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अधिवक्ता अमित साहनी द्वारा दायर याचिका में कालिंदी कुंज-शाहीन बाग मार्ग यानी रोड नंबर 13ए (मथुरा रोड और कालिंदी कुंज के बीच) के साथ-साथ ओखला अंडरपास को खोलने के लिए अदालत के निर्देशों की मांग की गई थी, जिसे 15 दिसंबर, 2019 को नागरिक संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन के कारण अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था.
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हालांकि, सड़क को बंद रखने को समय-समय पर बढ़ाया गया, जिससे लाखों यात्रियों को हर रोज भारी असुविधा/कठिनाई का सामना करना पड़ता है, जो पिछले एक महीने से अलग-अलग मार्गो से जाने के लिए मजबूर हैं.
याचिका में कहा गया, "कालिंदी कुंज मार्ग, जो दिल्ली, फरीदाबाद (हरियाणा) और नोएडा (उत्तर प्रदेश) को जोड़ता है, काफी महत्वपूर्ण है, जो भारत की संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध के मद्देनजर 15-12-2019 से बंद कर दिया गया है. उक्त सड़क का उपयोग करने वाले कई लाखों यात्रियों को दिल्ली-नोएडा-दिल्ली (डीएनडी) एक्सप्रेसवे और आश्रम के लिए वैकल्पिक मार्गों का उपयोग करने के लिए मजबूर होना पड़ता है, जिसके परिणामस्वरूप न केवल ट्रैफिक जाम का खतरा होता है, बल्कि ईंधन और कीमती समय का अपव्यय भी होता है."