नई दिल्ली: कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद (Jitin Prasada) ने भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम लिया है. दिल्ली में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई. इससे पहले जितिन प्रसाद ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी, जिसके बाद से उनके बीजेपी में जाने की अटकलें तेज हो गई थीं.


जितिन प्रसाद ने थामा 'कमल' 


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बीजेपी में शामिल होने के बाद जितिन प्रसाद ने कहा कि तीन पीढ़ियों तक हमारे परिवार का कांग्रेस के साथ रिश्ता रहा है. लेकिन अब काफी सोच-समझकर मैंने पार्टी छोड़ने का फैसला लिया. उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि देश में बीजेपी ही एक ऐसी पार्टी है जो सच में राष्ट्रीय है, अन्य दल क्षेत्रीय है लेकिन बीजेपी सही मायनों में राष्ट्रीय पार्टी है. 


'लोगों की भलाई भूली कांग्रेस'


प्रसाद ने कहा कि देश की भलाई के लिए आज अगर कोई पार्टी और नेता खड़ा है तो निश्चित तौर पर वह बीजेपी और हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर आप राजनीति में रहकर लोगों के हितों की रक्षा न कर सकें तो ऐसी पार्टी में रहने का कोई मतलब नहीं है. जितिन प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस ने लंबे वक्त तक मेरा साथ दिया है लेकिन अब मैं बीजेपी कार्यकर्ता के तौर पर काम करने के लिए तैयार हूं.


बीजेपी ने सुबह दिए थे संकेत


इससे पहले पार्टी के मुख्य प्रवक्ता अनिल बलूनी ने कहा था कि आज कोई बड़ा नेता शामिल होने वाला है. अनिल बलूनी ने हालांकि किसी के नाम का ऐलान नहीं किया था. लेकिन काफी पहले से सिंधिया कैंप के माने जाने वाले जितिन प्रसाद के बीजपी में शामिल होने के कयास लग रहे थे. यूपी से आने वाले प्रसाद को कांग्रेस में तवज्जो मिलना भी कम हो गई थी. उनके बीजेपी ज्वॉइन करने से आगामी यूपी विधान सभा चुनाव में पार्टी को फायदा होने के आसार हैं.



जितिन प्रसाद सबसे पहले केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से मिलने पहुंचे थे, इसके बाद उनके साथ जाकर गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी. जितिन यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं और हाल के विधान सभा चुनाव में बंगाल के प्रभारी थे, जहां पार्टी का प्रदर्शन काफी खराब रहा था.


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कौन हैं जितिन प्रसाद?


जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) ने भारतीय युवा कांग्रेस में सचिव पद से अपने करियर की शुरुआत की थी. इसके बाद साल 2004 में कांग्रेस की टिकट पर शाहजहांपुर सीट से लोकसभा चुनाव जीते. साल 2008 में उन्हें पहली बार केंद्रीय मंत्री बनाया गया और इसके बाद साल 2009 के लोकसभा चुनाव में जितिन प्रसाद को धौरहरा सीट से जीत हासिल हुई थी.