भीमा कोरेगांव मामला : गिरफ्तारियों पर बोले चिदंबरम, 'आलोचकों को डराने के लिए हुई कार्रवाई'
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भीमा कोरेगांव मामला : गिरफ्तारियों पर बोले चिदंबरम, 'आलोचकों को डराने के लिए हुई कार्रवाई'

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा 'मुझे अर्बन नक्सली शब्द मान्य नहीं है.'

फाइल फोटो

नई दिल्‍ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमले की साजिश और नक्‍सली कनेक्‍शन के आरोप में पकड़े गए सामाजिक कार्यकर्ताओं, कवि और लेखकों के मामले पर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने सरकार पर निशाना साधा. उन्‍होंने शनिवार को कहा कि सरकार ने अपने आलोचकों के भीतर डर पैदा करने के लिए ये गिरफ्तारियां की हैं.

पी चिदंबरम ने कहा 'मुझे अर्बन नक्सली शब्द मान्य नहीं है. पिछले दिनों गिरफ्तार किए गए लोग मानवाधिकार और सामाजिक कार्यकर्ता हैं. इनमें वकील, कवि और लेखक भी शामिल हैं. वे सभी एक्‍सट्रीम लेफ्ट विचारधारा के हैं लेकिन देश में एक्‍सट्रीम लेफ्ट या एक्सट्रीम राइट विचारधारा होना ही स्वतंत्रता का अहसास है.'

उन्‍होंने कहा कि हिंसा में शामिल होना और हिंसा के लिए उकसाना क्राइम है. लेकिन पुख्ता सुबूत के बिना हिंसा में शामिल होना और हिंसा के लिए उकसाने का आरोप लगाना, ये दूसरे मुद्दों पर से ध्यान हटाने के लिए किया गया है. 

उन्‍होंने कहा कि हम इन गिरफ्तारियों की निंदा करते हैं. साथ ही साथ कोर्ट ने इस मामले में जो राहत दी है, उसका हम स्वागत करते है. अभी गिरफ्तार किए गए लोगों में से कुछ लोगों को 2007 में भी गिरफ्तार किया गया था, लेकिन वो गिरफ्तारी महाराष्ट्र सरकार ने की थी, उस समय मैं गृहमंत्री नहीं था.

चिदंबरम ने कहा कि अगर गिरफ्तारी पुख्‍ता सुबूत के आधार पर नहीं होती तो वो गलत है, उस समय भी गलत था इस वक्त भी गलत है. आलोचकों में भय पैदा करने का काम पिछले दो साल से चल रहा है. अभी तक पुणे कोर्ट, दिल्ली कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में कोई सुबूत पेश नहीं किए गए.

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