नई दिल्ली: कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए विवादित शब्दों का प्रयोग किया है. उन्होंने प्रधानमंत्री की तुलना धृतराष्ट्र से की है. उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में पीएम मोदी को दिए भाषण पर पलटवार करते हुए रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हार के डर से अपना आपा खो दिए हैं. पसीना पोंछ-पोंछकर समाज में नफरत और बंटवारे का जहर घोलते नजर आए. सच तो यह है कि कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी से बदले की आग में वह धृतराष्ट्र की तरह अंधे हो चुके हैं.


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रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'हार के डर से अपना आपा खोए मोदीजी आज पसीना पोंछ-पोंछ कर समाज में नफ़रत व बँटवारे का ज़हर घोलते नज़र आए. सच तो यह है की कांग्रेस व राहुल जी से बदले की आग में वो धृतराष्ट्र की तरह अंधे हो चुके हैं. जुमलों की किशती में सवार झूठों के सरदार PM पद की मर्यादा त्याग बरगलाने पर उतर आए हैं.'



मालूम हो कि आजमगढ़ की जनसभा में पीएम मोदी ने राहुल गांधी के मुस्लिम समुदाय के साथ बैठक को लेकर भी तंज कसा है. राहुल गांधी का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नामदार कह रहे हैं कि उनकी पार्टी मुसलमानों की है. इससे पहले मनमोहन सिंह कह चुके थे कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है, लेकिन कांग्रेस ये बताए कि उनकी पार्टी मुस्लिम पुरुषों की है या मुस्लिम महिलाओं की भी है?


संसद का मानसून सत्र शुरू होने से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘तीन तलाक’ से संबंधित विधेयक के लंबित होने को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि क्या यह पार्टी सिर्फ मुस्लिम पुरुषों की पार्टी है, महिलाओं की नहीं.


मोदी ने यहां पूर्वांचल एक्सप्रेसवे परियोजना का शिलान्यास करने के बाद एक जनसभा में कहा, 'मैंने अखबार में पढ़ा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि कांग्रेस मुस्लिमों की पार्टी है. पिछले दो दिन से चर्चा चल रही है. मुझे आश्चर्य नहीं हो रहा है क्योंकि जब मनमोहन सिंह की सरकार थी तो स्वयं उन्होंने कह दिया था कि देश के प्राकृतिक संसाधनों पर सबसे पहला अधिकार मुसलमानों का है.' 


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उन्होंने कहा, ‘लेकिन मैं कांग्रेस अध्यक्ष से यह पूछना चाहता हूं कि कांग्रेस मुस्लिमों की पार्टी है. ये तो बताइये मुसलमानों की पार्टी भी क्या पुरूषों की है या महिलाओं की भी है. क्या मुस्लिम महिलाओं के गौरव के लिए जगह है ... संसद में कानून लाने से रोकते हैं. संसद चलने नहीं देते हैं.’ 


‘तीन तलाक’ को लेकर विरोधी दलों को निशाने पर लेते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लाखों करोडों मुस्लिम बहन बेटियों की हमेशा से मांग थी कि तीन तलाक बंद कराया जाए और दुनिया के इस्लामिक राष्ट्रों में भी तीन तलाक की प्रथा पर रोक लगी हुई है.'


उन्होंने कहा, 'इन सारे दलों की पोल तो तीन तलाक पर इनके रवैये ने भी खोल दी है. एक तरफ केन्द्र सरकार महिलाओं के जीवन को आसान बनाने के लिए प्रयास कर रही है, वहीं ये सारे दल मिलकर महिलाओं और विशेषकर मुस्लिम बहन बेटियों के जीवन को और संकट में डालने का काम कर रहे हैं.’ 


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मोदी ने कहा कि वह इन परिवारवादी पार्टियों और मोदी को हटाने के लिए दिन रात एक करने वाली पार्टियों को कहना चाहते हैं कि संसद का सत्र शुरू होने में चार पांच दिन बाकी हैं. आप पीडित मुस्लिम महिलाओं से मिलकर आइये और फिर संसद में अपनी बात रखिये.


उन्होंने कहा, ‘21वीं सदी में ऐसे राजनीतिक दल जो 18वीं शताब्दी में गुजारा कर रहे हैं मोदी को हटाने के नारे दे सकते हैं लेकिन देश का भला नहीं कर सकते. जब भाजपा सरकार ने संसद में कानून लाकर मुस्लिम बहन बेटियों को अधिकार देने की कोशिश की तो उस पर भी रोडे अटका रहे हैं. ये चाहते हैं कि तीन तलाक होता रहे और मुस्लिम बहन बेटियों का जीवन भी तबाह होता रहे.


मोदी ने कहा कि वह विश्वास दिलाते हैं कि इन दलों को समझाने की पूरी कोशिश करेंगे ताकि मुस्लिम बेटियों को तीन तलाक से होने वाली परेशानी से मुक्ति मिले.


उन्होंने कहा, ‘ऐसे दलों और उनके नेताओं से सावधान रहने की जरूरत है. अपने स्वार्थ में डूबे ये लोग सबका भला नहीं सोच सकते.’ सपा-बसपा ​को आडे हाथ लेते हुए मोदी ने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों ने बाबा साहेब आंबेडकर और राम मनोहर लोहिया के नाम पर सिर्फ राजनीति करने का काम किया है.