कांग्रेस ने शुक्रवार को एनआईए को 'नमो इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी' करार देते हुए आरोप लगाया कि मालेगांव धमाके के मामले में इसका राजनीतिक तौर पर पक्षपातपूर्ण दुरूपयोग हुआ है। पार्टी ने यह हमला तब बोला है जब एनआईए ने इस मामले में अपने पहले के रुख से ‘यू-टर्न’ लेते हुए साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और पांच अन्य के खिलाफ सभी आरोप हटा लिए।
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नई दिल्ली : कांग्रेस ने शुक्रवार को एनआईए को 'नमो इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी' करार देते हुए आरोप लगाया कि मालेगांव धमाके के मामले में इसका राजनीतिक तौर पर पक्षपातपूर्ण दुरूपयोग हुआ है। पार्टी ने यह हमला तब बोला है जब एनआईए ने इस मामले में अपने पहले के रुख से ‘यू-टर्न’ लेते हुए साध्वी प्रज्ञा ठाकुर और पांच अन्य के खिलाफ सभी आरोप हटा लिए।
कांग्रेस प्रवक्ता गौरव गोगोई ने पत्रकारों को बताया, 'मालेगांव का मामला दिखाता है कि भाजपा से जुड़ाव रखने वालों को छल-कपट या किसी अन्य तरीके से बचाने के लिए एनआईए ‘नमो इंवेस्टिगेटिव एजेंसी’ बन गई है।' कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक अलग बयान में बताया, 'मोदी जी के मातहत एनआईए ‘नमो इंवेस्टिगेटिव एजेंसी’ बन गई है, जिसका एकमात्र मकसद विभिन्न आपराधिक मामलों में भाजपा, आरएसएस से जुड़े नेताओं को क्लीन चिट देना है।'
गोगोई ने दावा किया कि 'दिल्ली में नेतृत्व' से जो भी निर्देश आता है, वाला रवैया एनआईए अपना रही है और यह पूर्वाग्रह लोक अभियोजक के बयान से भी साफ हो गया जब उन्होंने कहा कि इस मामले में उन पर दबाव था। गौरव गोगोई ने इस मामले में उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच कराने की पुरजोर मांग की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के मामलों में जांच के सख्त मानक अपनाए जाने चाहिए।