Nitish Kumar News: लोकसभा चुनाव 2024 से पहले जहां एक तरफ विपक्ष की कई पार्टियां साथ आने का दावा कर रही हैं तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस (Congress) नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को प्रधानमंत्री पद का चेहरा बनाने के लिए राजी नहीं दिख रही है.
Trending Photos
Nitish Kumar PM Candidate: बिहार (Bihar) के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) बीजेपी (BJP) से नाता तोड़ने के बाद सबसे ज्यादा मांग वाले विपक्षी नेता के रूप में उभरकर सामने आए हैं. उनके चारों तरफ एक हाइप क्रिएट किया जा रहा है. बता दें कि 1990 के दशक में हुए राजनीति के मंडलीकरण के बाद उन्होंने बीजेपी के सपोर्ट से लंबा सफर तय किया है. हालांकि, अब वो नेतृत्व के मुद्दे पर देश के सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस (Congress) को ही चुनौती दे रहे हैं. वहीं, कांग्रेस इस मुद्दे पर चुप है. उनका कहना है कि फोकस बिहार है न कि राष्ट्रीय राजनीति पर. चूंकि बिहार में नई सरकार बनी है, इन मुद्दों पर चर्चा करने का वक्त अभी नहीं है.
यूपीए की तर्ज पर तैयार किया जाएगा फॉर्मूला?
गौरतलब है कि कांग्रेस नेता 2024 में बनने वाली स्थिति पर कमेंट नहीं करना चाहते, लेकिन वे इस बात पर जोर देते हैं कि किसी भी फॉमूर्लेशन का नेतृत्व कांग्रेस तैयार करेगी. जान लें कि लोकसभा में कांग्रेस के सांसद किसी भी दूसरे विपक्षी दल से ज्यादा है. कांग्रेस यूपीए की तर्ज पर ही गठबंधन का नेतृत्व करना चाहती है. बता दें कि यह दूसरी बार है जब कांग्रेस नीतीश कुमार का सपोर्ट कर रही है. पिछली बार नीतीश कुमार ने बीजेपी से हाथ मिलाने के लिए कांग्रेस और आरजेडी का साथ छोड़ दिया था.
तेजस्वी यादव ने किया ये बड़ा दावा
हालांकि, एक और थ्योरी चल रही है कि 2024 के चुनाव से पहले कई राजनीतिक दलों का विलय हो सकता है. बिहार के नए डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करके राजनीतिक हालात पर चर्चा की. तेजस्वी यादव ने दावा किया कि नीतीश कुमार के आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन के साथ हाथ मिलाने के लिए बिहार मॉडल को देश में दोहराया जाएगा.
पुराने झगड़ों पर क्या बोले तेजस्वी?
तेजस्वी यादव ने कहा कि यह सरकार लोगों की सरकार है. अब इसे पूरे देश में दोहराया जाएगा क्योंकि लोग बेरोजगारी, महंगाई और सांप्रदायिकता से तंग आ चुके हैं. अपने पिछले झगड़ों पर उन्होंने कहा कि हर घर में झगड़े होते हैं लेकिन हम एक ही समाजवादी परम्पराओं से हैं.
नीतीश कुमार सावधानी से काम कर रहे हैं और किसी भी पार्टी को नाराज नहीं करना चाहते. वे विपक्षी एकता के प्रयासों में एक गैर-गांधी के रूप में उभर सकते हैं अगर एक संयुक्त विपक्ष बनता है. बिहार का तख्तापलट सीधे तौर पर नीतीश कुमार की चतुराई से तैयार की गई राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं से जुड़ा हुआ है.
(इनपुट-आईएएनएस)
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर