J&K गर्वनर के बयान पर बोली कांग्रेस,'संविधान की परिपाटी को रौंदना आए दिन की बात हो गई है'
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J&K गर्वनर के बयान पर बोली कांग्रेस,'संविधान की परिपाटी को रौंदना आए दिन की बात हो गई है'

कांग्रेस ने सत्यपाल मलिक पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि राज्यपाल के तौर पर उन्होंने जो भूमिका निभाई है, उससे J&K में भारत के सामरिक हितों को दूरगामी क्षति हुई है.

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, 'जनादेश को ताक पर रख अल्पमत की पिट्ठू सरकार बनाना व सविंधान की परिपाटी को पाँव तले रौंदना अब मोदी सरकार में आए दिन की बात हो गई है.’ (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक के एक बयान को लेकर मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोला और दावा किया कि संवैधानिक परिपाटी को रौंदना इस सरकार में आए दिन की बात हो गई है जिसके लिए जनता माफ नहीं करेगी.

कांग्रेस ने सत्यपाल मलिक पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि राज्यपाल के तौर पर उन्होंने जो भूमिका निभाई है, उससे जम्मू-कश्मीर में भारत के सामरिक हितों को दूरगामी क्षति हुई है.

कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा,‘जम्मू कश्मीर के गवर्नर भी अब कह रहे हैं कि दिल्ली में बेईमान लोग राज कर रहे हैं. जनादेश को ताक पर रख अल्पमत की पिट्ठू सरकार बनाना व सविंधान की परिपाटी को पाँव तले रौंदना अब मोदी सरकार में आए दिन की बात हो गई है.’ उन्होंने कहा,‘मोदीजी, देश आपको माफ़ नहीं करेगा.’ 

'भारत के सामरिक हितों को एक दूरगामी क्षति पहुंची है'
कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा, ‘राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जिस तरह की भूमिका निभाई है, उससे भारत के सामरिक हितों को एक दूरगामी क्षति पहुंची है और इसके बहुत ही गम्भीर परिणाम होने वाले हैं. एक बात बिल्कुल साफ है कि जो भी गवर्नर मलिक साहब ने किया था वो दिल्ली के कहने पर, दिल्ली के इशारे पर किया था.’

गौरतलब है कि मलिक ने कहा है कि अगर मैंने दिल्ली की तरफ देखा होता तो मुझे सज्जाद लोन को मुख्यमंत्री बनाना पड़ता और इसके लिए मैं इतिहास में एक ‘बेईमान आदमी’ के रूप में याद किया जाता. पीडीपी ने नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के समर्थन से एक सरकार गठन का दावा किया था जिसके बाद मलिक ने पिछले सप्ताह जम्मू कश्मीर विधानसभा को भंग कर दिया था. 

मलिक के इस दावे पर केंद्र या बीजेपी की फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. लेकिन जम्मू स्थित राजभवन के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि राज्यपाल ने 21 नवंबर की रात को राज्य विधानसभा को भंग करने का फैसला ‘तटस्थ और निष्पक्ष तरीके से’ लिया. उन्होंने एक बयान में कहा,‘इस पूरे मामले में केन्द्र की तरफ से कोई दबाव या कोई हस्तक्षेप नहीं था.’

(इनपुट - भाषा)

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