मेघालय: एनपीपी अध्यक्ष कोनराड ने की राज्यपाल से मुलाकात, सरकार बनाने का पेश किया दावा
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मेघालय: एनपीपी अध्यक्ष कोनराड ने की राज्यपाल से मुलाकात, सरकार बनाने का पेश किया दावा

मेघालय चुनाव में त्रिशंकु चुनाव परिणाम आने के बाद सरकार बनाने की दौड़ में कांग्रेस को झटका लगा है.

मेघालय: एनपीपी अध्यक्ष कोनराड ने की राज्यपाल से मुलाकात, सरकार बनाने का पेश किया दावा

शिलांग: मेघालय चुनाव में त्रिशंकु चुनाव परिणाम आने के बाद सरकार बनाने की दौड़ में कांग्रेस को झटका लगा है. एनपीपी अध्यक्ष कोनराड संगमा मेघालय के नए मुख्यमंत्री होंगेेे. 6 मार्च को सीएम पद की शपथ लेंगे. इससे पहले उन्होंनने राज्यपाल गंगा प्रसाद से मुलाकात की और मेघालय में सरकार बनाने का अपना दावा पेश किया. उधर, कांग्रेस ने मेघालय के राज्यपाल को पत्र सौंपा है जिसमें उसने मुकुल संगमा को विधानसभा का नेता बताया है. 

यूडीपी ने दिया एनपीपी को समर्थन
यूडीपी अध्यक्ष डोनकूपर राय ने एनपीपी को समर्थन देने का ऐलान किया है. राय ने एनपीपी प्रमुख से मुलाकात करके बताया कि पार्टी के रूप में हम उनसे मिले और सरकार गठन के बारे में चर्चा की. हम सबने निर्णय लिया है कि राज्य में गैर-कांग्रेसी सरकार बने. इसी के मद्देनजर हमने निर्णय लिया है कि एनपीपी को कोनराड संगमा के नेतृत्व में सरकार बनाना चाहिए. 

 

 

बीजेपी ने खोले अपने पत्ते
उधर, बीजेपी ने कहा कि वह प्रदेश में एक गैर कांग्रेसी सरकार बनाने में मदद करने के लिए पूरी तरह तैयार है लेकिन इसके लिए पहल क्षेत्रीय पार्टी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को करनी है. एनपीपी राज्य में दूसरी बड़ी पार्टी बन कर उभरी है और इसके 19 विधायक विजयी हुए हैं. असम के मंत्री और भाजपा नेता हेमंत बिस्व शर्मा ने बताया कि मेघालय में विधानसभा चुनाव का परिणाम एक दशक तक यहां सत्ता पर काबिज रही कांग्रेस और मुख्यमंत्री मुकुल संगमा के खिलाफ है. उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि एनपीपी पहल करे और भाजपा इसमें पूरा सहयोग करेगी. हम यहां पर एक गैर-कांग्रेसी सरकार बनाने में मदद करने के लिए हैं.’’  

गोवा जैसा हो सकता है कांग्रेस का हश्र
कांग्रेस ने अपने तीन वरिष्ठ नेताओं कमलनाथ, अहमद पटेल और सीपी जोशी को मेघालय में सरकार बनाने का जिम्मा सौंपा है लेकिन वर्तमान हालात को देखते हुए ऐसा लग रहा है जैसे उसका हश्र गोवा की तरह होने वाला है. चुनाव में राज्य की 59 सीटों में से 21 सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा किया है. बहुमत के लिए पार्टी 10 सीटों से पीछे रह गई है लेकिन ये 10 सीटें जुटाना  पार्टी के लिए आसान नजर नहीं आ रहा. पिछले साल गोवा विधानसभा चुनाव में पार्टी सबसे बड़े दल के रूप में उभरी थी लेकिन सरकार नहीं बना पाई थी.

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