किसने लगाए अमेरिका और इजरायल के झंडे? कश्मीर में शांति भंग करने की कोशिश नाकाम, पुलिस ने तीन को हिरासत में लिया
Advertisement
trendingNow12814717

किसने लगाए अमेरिका और इजरायल के झंडे? कश्मीर में शांति भंग करने की कोशिश नाकाम, पुलिस ने तीन को हिरासत में लिया

Srinagar News: श्रीनगर पुलिस ने श्रीनगर के दो अलग-अलग स्थानों से तीन लोगों को हिरासत में लिया और तीन लड़कियों की काउंसलिंग की. श्रीनगर पुलिस ने कहा कि 'दृश्य साक्ष्य (झंडों की तस्वीरें वीडियो) सहित विश्वसनीय खुफिया जानकारी पर कार्रवाई करते हुए, श्रीनगर पुलिस ने तत्काल जांच शुरू की.

किसने लगाए अमेरिका और इजरायल के झंडे? कश्मीर में शांति भंग करने की कोशिश नाकाम,  पुलिस ने तीन को हिरासत में लिया

Jammu And Kashmir: कश्मीर में शांति भंग करने की दो बड़ी साजिशें पुलिस दुवारा नाकाम कर दी गई हैं. श्रीनगर पुलिस ने श्रीनगर के दो अलग-अलग स्थानों से तीन लोगों को हिरासत में लिया और तीन लड़कियों की काउंसलिंग की. श्रीनगर पुलिस ने कहा कि उसने तीन व्यक्तियों, मोहसिन अली डार और बिलाल अहमद डार, और आमिर अली डार को हिरासत में लिया है, जो सभी बलहामा के निवासी हैं, वह इन तीनों पर रात के समय श्रीनगर के बलहामा इलाके में अमेरिकी और इजरायली झंडे लगाने का आरोप है. 

पुलिस ने इस घटना को सांप्रदायिक तनाव भड़काने और जम्मू-कश्मीर के संवेदनशील क्षेत्र में शांति भंग करने के प्रयास के रूप में रिपोर्ट किया गया था. ऐसा कहा जाता है कि 23 जून, 2025 की रात को श्रीनगर के बाहरी इलाके बलहामा में सड़क पर झंडे लगाए गए थे.

श्रीनगर पुलिस ने कहा कि 'दृश्य साक्ष्य (झंडों की तस्वीरें वीडियो) सहित विश्वसनीय खुफिया जानकारी पर कार्रवाई करते हुए, श्रीनगर पुलिस ने तत्काल जांच शुरू की. उन्होंने अपराधियों की पहचान करने के लिए जमीनी स्तर पर सत्यापन सहित विभिन्न जांच तकनीकों का इस्तेमाल किया.

6-7 संदिग्धों की पहचान की हुई
पुलिस ने कहा, 'शुरू में, 6-7 संदिग्धों की पहचान की गई और उनसे पूछताछ की गई. लगातार पूछताछ में तीन व्यक्तियों की संलिप्तता की पुष्टि हुई: मोहसिन अली डार (अली मोहम्मद का पुत्र, निवासी बलहामा), बिलाल अहमद डार (मोहम्मद यूसुफ डार का पुत्र, निवासी डार मोहल्ला, बलहामा) और आमिर अली डार (मंजूर हुसैन का पुत्र, निवासी खजीर मोहल्ला, बलहामा) सभी आरोपियों, मोहसिन और बिलाल, और आमिर को हिरासत में लिया गया है और उनसे पंथा चौक पुलिस स्टेशन में पूछताछ की जा रही है. 

वहीं, आज एक अन्य घटना में श्रीनगर पुलिस ने एक बयान के माध्यम से बताया कि 'श्रीनगर पुलिस ने इमामबाड़ा ज़दीबल के पास विदेशी ध्वज की भित्तिचित्र को हटाया. पुलिस स्टेशन ज़दीबल के तहत आनेवाले  इमामबाड़ा ज़दीबल के मुख्य प्रवेश द्वार के बाहर सड़क पर चित्रित एक विदेशी ध्वज (इज़राइल) जैसी भित्तिचित्र के बारे में सूचना मिली. त्वरित कार्रवाई करते हुए, एक पुलिस दल उस स्थान पर पहुंचा और सांप्रदायिक सद्भाव और सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए भित्तिचित्र को तुरंत हटाना सुनिश्चित किया.

कानूनी कार्रवाई की जाएगी
प्रारंभिक जांच में तीन स्थानीय जुवेनाइल लड़कियों (उम्र के कारण नाम नहीं बताए गए), सभी क्षेत्र में रहने वाली छात्राएं शामिल थीं. उनकी उम्र और कृत्य की संवेदनशीलता को देखते हुए, उनके माता-पिता को पुलिस स्टेशन बुलाया गया और उनकी उपस्थिति में नाबालिगों की काउंसलिंग की गई. उन्हें इस तरह की कार्रवाइयों के निहितार्थ और सांप्रदायिक सद्भाव और जिम्मेदार नागरिक व्यवहार को बनाए रखने की आवश्यकता के बारे में संवेदनशील बनाया गया. पुलिस ने कहा कि कानूनी कार्रवाई जुवेनाइल न्याय ढांचे के अनुसार सख्ती से की जाएगी.

 'जनभावनाओं को भड़काने की कोशिश'
अधिकारियों का मानना है कि ये कृत्य जनभावनाओं को भड़काने, सांप्रदायिक माहौल  को बिगाड़ने और असामाजिता को फैलाने का प्रयास था। विदेशी झंडों का प्रदर्शन, विशेष रूप से यू.एस. और इजराइल के झंडों का प्रदर्शन, जम्मू और कश्मीर की धार्मिक गतिशीलता और मध्य पूर्व की स्थिति के संदर्भ में अत्यधिक संवेदनशील है.  हिरासत में लिए गए लोगों के परिवार के सदस्य और स्थानीय लोग जो सभी शिया समुदाय से हैं, ने मासूमियत दिखाते हुए कहा कि हमने भी झंडों के बारे इस घटना के बारे में सुना था, लेकिन कुछ नहीं देखा. उन्होंने कहा कि यहां कुछ काग़ज़  देखे गए थे, लेकिन पता नहीं क्या हुआ. इलाके में सभी पुरुष पुलिस स्टेशन में थे.

'हम कैसे कह सकते हैं कि मकसद क्या था?'
हिरासत में लिए गए आमिर अली डार के दादा ने कहा, टमैं घर पर नहीं था, मैं करीब 12 बजे देर से आया, मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है, सुबह पुलिस आई और बच्चे को ले गई, कल दो अन्य को पुलिस ने बुलाया था. कोई झंडा नहीं फहराया गया, कुछ काग़ज़ थे, पुलिस ने कहा कि 'जब उन्हें बुलाया गया तो वे तीनों खुद ही पुलिस स्टेशन चले गए, उनमें से एक नाबालिग है.' क्षेत्र के एक दुकानदार मोहम्मद यूसुफ ने कहा, 'हमने भी सुना है, लेकिन आंखों से कुछ नहीं देखा, एक बच्चा है, बाकी लोग भी अच्छे लोग हैं, हम कैसे कह सकते हैं कि मकसद क्या था, हमने सिर्फ सुना, कुछ नहीं देखा.'

'किसी को भी कश्मीर में शांति भंग करने की इजाजत नहीं दी जाएगी'
वहीं, भाजपा ने कहा कि किसी को भी कश्मीर में शांति भंग करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. भाजपा के यूटी प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने कहा, टभारत हमेशा से शांतिप्रिय देश रहा है और हम इजरायल और ईरान दोनों से युद्ध विराम की अपील करते हैं, लेकिन कल झंडे की घटना हुई, ऐसा लगता है कि शांति को बाधित करने का मकसद था, जिसे 370 के निरस्त होने के बाद बहुत संघर्ष के साथ स्थापित किया है, लेकिन सरकार एलजी प्रशासन ऐसे लोगों को सफल नहीं होने देगा और अब पुलिस ने भी कार्रवाई की है और अपना पक्ष रखा है, लेकिन मैं उन लोगों से जानना चाहता हूं जिन्होंने इजरायल और अमेरिकी झंडा लिया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच भी युद्ध हुआ था, क्या उन्होंने सड़क पर पाकिस्तानी झंडा लाए थे, पाकिस्तानी झंडा जलाया था, यह शांति को बाधित करने के लिए सोची-समझी हरकत है, लेकिन किसी को भी ऐसा करने की इजाजत नहीं दी जाएगी.'

श्रीनगर पुलिस ने लोगों को चेतावनी दी है कि हिंसा या व्यवधान के किसी भी एजेंडे को आगे बढ़ाने के प्रयासों के लिए सख्त कानूनी परिणाम भुगतने होंग. उन्होंने जनता से सतर्क रहने और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना देने का आग्रह किया है. इस घटना ने अधिकारियों को क्षेत्र में शांति को अस्थिर करने के उद्देश्य से इसी तरह की हरकतों के लिए हाई अलर्ट पर रहने के लिए मजबूर कर दिया है क्योंकि मुहर्रम का समय आ रहा है जिसे शिया समुदाय के लोग बड़े पैमाने पर मनाता है.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news

;