पिछले 50 साल में ग्लोबल वार्मिंग के कारण मूसलाधार बारिश की निरंतरता बढ़ी: अध्ययन
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पिछले 50 साल में ग्लोबल वार्मिंग के कारण मूसलाधार बारिश की निरंतरता बढ़ी: अध्ययन

शोध के मुताबिक 1964 से 2013 के बीच भारी बारिश होने के मामले निरंतर बढ़े हैं. इसी अवधि के दौरान ग्लोबल वार्मिंग भी बढ़ी है. 

अध्ययन किया गया जिसमें पाया गया कि 1964 से 2013 के बीच मूसलाधार बारिश की निरंतरता बढ़ी है.

नई दिल्ली:  विश्व भर में पिछले 50 साल में भारी बारिश की बारंबारता जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ी है. एक अध्ययन में यह बात सामने आई है. 

शोध के मुताबिक 1964 से 2013 के बीच भारी बारिश होने के मामले निरंतर बढ़े हैं. इसी अवधि के दौरान ग्लोबल वार्मिंग भी बढ़ी है. 

इन भारी बारिशों के चलते अचानक से बाढ़ आने, तबाही मचने और जलजनित बीमारियों की आशंका बढ़ जाती है. इसके अलावा भूस्खलन, फसलों की बर्बादी, इमारतों एवं पुलों का ढहना, घरों में दरारे पड़ना, सड़कों एवं यातायात का बाधित होना जैसी समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं. 

अत्याधिक बारिश बार-बार होने की घटनाएं कनाडा, यूरोप के ज्यादातर हिस्सों, अमेरिका के पश्चिम मध्य एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र, उत्तरी ऑस्ट्रेलिया, पश्चिमी रूस और चीन के कई हिस्सों में बढ़ी है. 

शोधकर्ताओं ने बताया कि अध्ययन के लिए विश्व भर के 1,00,000 वर्षा निगरानी केंद्रों से रोजाना के 8,700 से अधिक वर्षा रिकॉर्डों का अध्ययन किया गया जिसमें पाया गया कि 1964 से 2013 के बीच मूसलाधार बारिश की निरंतरता बढ़ी. यह अध्ययन वॉटर रिसोर्सेज रिसर्च पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.

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