विवादित इस्‍लामिक प्रचारक जाकिर नाइक की संस्‍था ने विदेशी फंड के जरिये 800 लोगों का कराया धर्म परिवर्तन!
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विवादित इस्‍लामिक प्रचारक जाकिर नाइक की संस्‍था ने विदेशी फंड के जरिये 800 लोगों का कराया धर्म परिवर्तन!

विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक की मुंबई स्थित संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) के बारे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सूत्रों के अनुसार, जाकिर की संस्था 50 हजार रुपये देकर लोगों का धर्मांतरण कराती थी। नाइक की संस्था अब तक करीब 800 लोगों का धर्मांतरण करा चुकी है। अनुमान लगाया जा रहा है कि ये संख्या अभी और बढ़ सकती है। बता दें कि नाइक अपने कथित भड़काऊ भाषणों को लेकर विभिन्न जांचों के दायरे में हैं।

फाइल फोटो

नई दिल्‍ली : विवादास्पद इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक की मुंबई स्थित संस्था इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) के बारे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। सूत्रों के अनुसार, जाकिर की संस्था 50 हजार रुपये देकर लोगों का धर्मांतरण कराती थी। नाइक की संस्था अब तक करीब 800 लोगों का धर्मांतरण करा चुकी है। अनुमान लगाया जा रहा है कि ये संख्या अभी और बढ़ सकती है। बता दें कि नाइक अपने कथित भड़काऊ भाषणों को लेकर विभिन्न जांचों के दायरे में हैं।

मीडिया रिपोर्टों में मुंबई पुलिस के अनुसार, आईआरएफ में गेस्ट रिलेशन आफिसर अर्शी कुरैशी की गिरफ्तारी के बाद ये खुलासा हुआ है। वह धर्म परिवर्तन कराने के काम में सीधे तौर पर शामिल है। इसमें उसका सहयोगी रिजवान खान है। उसे भी गिरफ्तार किया गया है। इन दोनों की गिरफ्तारी केरल में धर्मांतरण के एक मामले में की गई थी। केरल पुलिस ने बीते दिनों दावा किया था कि मुंबई स्थित इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन (आईआरएफ) के गेस्ट रिलेशन अफसर अर्शी कुरैशी के रिश्ते आतंकवादी संगठन आईएसआईएस से हैं। केरल से एक महिला के लापता होने के सिलसिले में कुरैशी को पिछले हफ्ते मुंबई से गिरफ्तार किया गया था।

जाकिर नाइक का करीबी अर्शी कुरैसी वैसे लोगों को पकड़ कर लाता था जो जाकिर के भाषण से प्रभावित थे। जाकिर नाइक उनलोगों का धर्म परिवर्तन कराता था। एक और शख्‍स रिजवान भी अर्शी कुरैसी का साथ था और धर्मांतरण में जाकिर की संस्था पूरा खर्चा वहन करता था। पुलिस भी इस पूरे मामले की जांच कर रही है। पुलिस के हाथों कुछ ऐसे दस्तावेज लगे हैं जो इस बात का प्रमाण है कि इस संस्था में धर्मांतरण कराया जाता था। पुलिस और एटीएस की टीम एस बात की भी जांच कर रही है कि जाकिर की संस्था लोगों का धर्म परिवर्तन कराकर उन्हें सीरिया आईएसआईएस में शामिल होने के लिए भेजता था या नहीं।

पूछताछ में पता चला कि अरशी और रिजवान लोगों को पहले मानसिक रूप से तैयार करते थे और फिर उनका धर्मांतरण करवाते थे। रिजवान आईआरएफ के अलावा मझगांव स्थित एक और संस्था अल-बिर्र फाउंडेशन के लिए भी काम करता है। यहां भी यही काम होता है। अरशी के डोंगरी स्थित दफ्तर में सभी दस्तावेज तैयार किए जाते थे।

जाकिर के खिलाफ चल रही जांच का दायरा बढ़ा दिया गया है। पुलिस ने बताया कि उसे अरशी और रिजवान के सहयोगियों की जानकारी मिली है। वह जल्द ही इन लोगों से पूछताछ करेगी। माना जा रहा है कि धर्मांतरण में वे इनकी मदद करते थे। मुंबई पुलिस की विशेष शाखा जाकिर और उनकी संस्था आईआरएफ के खिलाफ अपनी अंतिम जांच रिपोर्ट में धर्मांतरण संबंधी खुलासों का भी उल्लेख करेगी।

दूसरी ओर, जाकिर नाइक के भाषणों से प्रभावित लोगों का संस्था की ओर से धर्मपरिवर्तन कराया जाता था और इसके एवज में कुछ रुपये भी दिये जाते थे। हालांकि जाकिर नाइक ने इस बात का खंडन किया है और कहा है कि वे मीडिया ट्रायल का शिकार हुए हैं। जाकिर नाइक ने कहा कि उन्होंने मोदी का समर्थन किया है और हिंदू और मुसलमानों को जोड़ने का काम किया है। नाइक ने अपनी सारी गलत बयानी का ठीकरा भारतीय मीडिया पर फोड़ दिया है।

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