दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने कहा है कि वह 19 अप्रैल से केवल बेहद जरूरी मामलों की ही सुनवाई करेगी. ये मामले भी इस साल ही दायर किए हुए होने चाहिए.
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नई दिल्ली: दिल्ली में बढ़ते कोरोना (Coronavirus) के कहर का असर अदालतों की सुनवाई पर भी पड़ गया है. दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने रविवार को ऑफिस ऑर्डर जारी कर कहा कि वह 19 अप्रैल से केवल इस साल दायर हुए 'बेहद जरूरी मामलों' की ही सुनवाई (Hearing) करेगा.
हाई कोर्ट (Delhi High Court) के रजिस्ट्रार जनरल मनोज जैन की ओर से जारी आदेश के अनुसार कोरोना के प्रकोप की वजह से अदालत फिलहाल केवल बेहद जरूरी मामलों को ही सुनेगी. जो केस पिछले 22 मार्च से लेकर 31 दिसंबर 2020 के बीच में दायर किए गए थे और उनकी प्रकृति नॉन अर्जेंट या रूटीन की थी. उन पर सुनवाई फिलहाल स्थगित रहेगी. रजिस्ट्रार जनरल ने आदेश में कहा, 'किसी भी एक्स्ट्रीम इमरजेंसी के मामले में पैंडिंग मैटर की सुनवाई एक खास लिंक पर अर्जी डालने से की जा सकती है.'
दिल्ली में कोरोना के मामलों में कमी आने के बाद हाई कोर्ट ने इस साल 8 मार्च से फिजिकल सुनवाई शुरू की थी. जब इस महीने कोरोना के मामलों में अचानक तेजी आनी शुरू हुई तो हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने 8 अप्रैल को आदेश जारी करके कहा कि वह 9 से 23 अप्रैल तक केवल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामलों की सुनवाई करेगी. अब इसी आदेश का विस्तार करते हुए कोर्ट ने केवल इस साल दायर बेहद अर्जेंट मामलों की ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई का ऑर्डर दिया है.
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बताते चलें कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 25 हजार 500 नए मामले सामने आए हैं. साथ ही दिल्ली में कोरोना संक्रमण दर 24 प्रतिशत से बढ़कर 30 प्रतिशत हो गई है. हालात को गंभीर बताते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी से नए कोरोना बेड और मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ाने की मांग की है. सीएम ने कहा कि अगर दिल्ली को तुरंत मदद नहीं दी गई तो हालात विकट हो जाएंगे, जिसे संभाल पाना मुश्किल हो जाएगा.
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