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नई दिल्लीः कोरोना महामारी की संभावित चौथी लहर का खतरा देश में बढ़ता जा रहा है. क्योंकि दुनिया भर में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. Omicron के सब वेरिएंट BA.2 की वजह से कई यूरोपीय देशों, चीन और दक्षिण कोरिया जैसे एशियाई देशों में अचानक कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ रही है.
हालांकि, भारतीय विशेषज्ञ इस बात से चिंतित नहीं हैं कि इससे देश में तुरंत एक और महामारी की लहर आ सकती है. इसके पीछे दिसंबर 2021 और फरवरी 2022 के बीच आई तीसरी लहर से बढ़ी हुई प्रतिरक्षा और बूस्टर खुराक सहित देश भर में उच्च टीकाकरण कवरेज शामिल हैं.
फरवरी के अंत में शोधकर्ताओं ने एक स्टडी की थी और उसके बाद कहा था कि भारत में जून के मध्य से जून के अंत तक कोरोना की चौथी लहर आ सकती है. उन्होंने यह भी कहा है कि देश में कोविड की चौथी लहर लगभग चार महीने तक चल सकती है. उन्होंने कहा कि संक्रमण की गंभीरता या सीमा टीकाकरण और प्रतिरक्षा के स्तर पर निर्भर करेगी. देश में महाराष्ट्र कोरोना महामारी से सबसे अधिक प्रभावित राज्य रहा है. इसे देखते हुए महाराष्ट्र को पहले ही अलर्ट पर रखा गया है और स्थानीय अधिकारियों को सावधानी और अतिरिक्त उपायों के लिए कहा गया है.
नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल ने हाल ही में कहा था कि भारत एक और संभावित लहर के लिए तैयार है क्योंकि आबादी का एक बड़ा हिस्सा स्वाभाविक रूप से प्रतिरक्षित है और साथ ही कोविड -19 टीकों की दोनों खुराक प्राप्त कर चुका है.
क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज (सीएमसी) वेल्लोर के पूर्व प्रोफेसर और वायरोलॉजिस्ट डॉ टी जैकब जॉन ने कहा है कि कोविड की चौथी लहर की संभावना कम है, जब तक कि दूसरा वेरिएंट सामने नहीं आता. डॉ जॉन ने कहा, 'चौथी कोविड-19 लहर की भविष्यवाणी करने का कोई वैज्ञानिक कारण नहीं है लेकिन कोई भी भविष्यवाणी नहीं कर सकता कि महामारी फिर नहीं आ सकती. मैं कह सकता हूं कि संभावना बेहद कम है लेकिन सतर्क रहना जरूरी है.'
स्वास्थ्य सेवाओं के पूर्व राज्य महानिदेशक और महाराष्ट्र सरकार के तकनीकी सलाहकार डॉ सुभाष सालुंखे ने कहा कि हमें कोरोना उपयुक्त व्यवहार अपनाते रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि केवल एक चीज जो चौथी लहर के बारे में अज्ञात है वह यह है कि यह वास्तव में कब आएगी और यह कितनी गंभीर होगी.
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