कोरोना (Coronavirus) संक्रमण से पूरी दुनिया जूझ रही है. इस मुश्किल वक्त में सबकी निगाहें भारत की तरफ लगी हुई हैं, जो देश सबसे ज्यादा प्रभावित हैं वह भी भारत की मदद मांग रहे हैं.
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नई दिल्ली: कोरोना (Coronavirus) संक्रमण से पूरी दुनिया जूझ रही है. इस मुश्किल वक्त में सबकी निगाहें भारत की तरफ लगी हुई हैं, जो देश सबसे ज्यादा प्रभावित हैं वह भी भारत की मदद मांग रहे हैं. अमेरिका से लेकर यूरोप तक कई देशों ने इस मुश्किल वक्त में भारत से मदद की गुहार लगाई है.
दरअसल कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए हाइड्रोक्लोरोक्विन नामक दवा का दुनियाभर में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है. इस दवा को कोरोना संक्रमण में असरदार माना जाता है. हाइड्रोक्लोरोक्विन यानी एचसीक्यू का दुनियाभर में सबसे ज्यादा उत्पादन भारत करता है.
Zee News को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दुनिया के कई देशों ने भारत को पहले से ही अपनी रिक्वेस्ट भेज रखी है. ये सिर्फ Hydrochloroquine के लिए ही नहीं बल्कि दूसरी जरूरी मेडिसिन और मेडिकल इक्विपमेंट्स के लिए भी है.
जानकारी के मुताबिक अमेरिका, ब्रिटेन, स्पेन, जर्मनी, ब्राजील समेत दुनिया के लगभग ऐसे 25 देश हैं जो भारत से यह जरूरी दवाएं मांग चुके हैं. भारत कई देशों को मदद के तौर पर भेज भी चुका है और कई को मदद पहुंचाई जा रही है.
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दरअसल भारत में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को लेकर पहले भारत सरकार ने Hydroxychloroquine समेत कई जरूरी दवाओं के निर्यात पर रोक लगा दी थी, लेकिन देश में इसकी पर्याप्त उपलब्धता होने के बाद और मित्र देशों पर संकट के इस दौर में दवाइयों की मांग के बाद भारत सरकार ने इसमें संशोधन किया था और कुछ दवाओं से पाबंदी हटाई थी.
केंद्र सरकार के मंत्रालयों की ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल इस बात को स्पष्ट कर चुके हैं कि हमारे देश में हाइड्रोक्लोरोक्विन की कोई कमी नहीं है और ना ही भविष्य में इसकी कमी होगी. यही वजह है कि हम मुश्किल में पड़े दूसरे देशों की भी मदद कर रहे हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से Hydroxychloroquine की मांग कर चुके हैं और भारत मानवीय आधार पर मदद के तौर पर यह खेप अमेरिका को पहुंचा भी चुका है. एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का इसके लिए शुक्रिया अदा किया और उनको अमेरिका का गहरा दोस्त बताया.
इसी तरह ब्राजील के राष्ट्रपति ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हनुमान की संज्ञा देते उनकी तारीफ की. ब्राजील के राष्ट्रपति बॉल्स नारों ने एक दिन पहले ही कहा था कि बजरंगबली हनुमान ने जिस तरह से हिमालय से संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण के प्राण बचाए थे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से ब्राजील को भेजी गई जरूरी दवाएं उसी संजीवनी बूटी की तरह हैं. जाहिर तौर पर ब्राजील भी कोरोना संक्रमण से जूझ रहा है और उसे भी मदद की दरकार है. भारत ने मदद का भरोसा भी दिलाया है.
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इसके पहले भारत अपने पड़ोसी देशों को खासतौर से मालदीव, श्रीलंका, नेपाल जैसे जरूरी देशों को जरूरी मेडिकल इक्विपमेंट्स भेजकर मदद कर रहा है. मालदीव के प्रधानमंत्री और श्रीलंका के प्रधानमंत्री ट्वीट करके मदद के लिए भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद कर चुके हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्क देशों के साथ ना सिर्फ एकजुटता दिखाई बल्कि सभी देशों को भी मदद का भरोसा दिलाया. यह सब उस दौरान है जबकि भारत खुद कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों से निपट रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां देश में लगातार तमाम नेताओं से बातचीत कर कोरोना संक्रमण से निपटने की रणनीति बना रहे हैं. वहीं लगातार विदेशी नेताओं से भी बात कर रहे हैं.
बीते कुछ सप्ताह से प्रधानमंत्री अमेरिका, रूस, जापान, ब्रिटेन समेत दुनिया के तमाम बड़े नेताओं से टेलीफोन पर चर्चा कर चुके हैं. जाहिर तौर पर कोरोना संकट के इस दौर में भारत की भूमिका वैश्विक होकर उभरी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रियता ने एक बड़ा काम किया है, दुनियाभर के नेता संकट के इस दौर में मदद उपलब्ध कराने के लिए भारतीय प्रधानमंत्री की तारीफ कर रहे हैं.