अमेरिका के येल स्कूल ऑफ मेडिसिन में किडनी रोग विशेषज्ञ ऐलेन क्लिंगर का कहना है कि अमेरिका में आधे से ज्यादा COVID-19 के मरीजों के पेशाब में खून और प्रोटीन पाया गया.
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) के लक्षणों को देखा जाए तो आमतौर पर कोरोना के मरीज को तेज बुखार, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और खांसी होती है. इसका बड़ा कारण ये भी है कि कोरोना सीधे फेफड़ों पर असर करता है. ये वायरस फेफडों में मौजूद छोटी-छोटी थैलियों मे सूजन पैदा करता है और उन्हें जाम कर देता है जिससे पहले सांस लेने में दिक्कत होती है और उपचार न मिलने पर इसे पूरी तरह से नष्ट कर देता है. अब तक ये माना जा रहा था कि कोरोना का असर सिर्फ फेफडों पर होता है.
लेकिन कोरोना पर शोध कर रहे वैज्ञानिकों और चिकित्सकों का मानना है कि कोरोना का असर सिर्फ फेफडों तक सीमित नहीं है बल्कि ये शरीर के कई और हिस्सों को नुकसान पंहुचा सकता है.
शरीर के किन अंगों पर हो सकता है कोरोना का असर?
किडनी: अमेरिका के येल स्कूल ऑफ मेडिसिन में किडनी रोग विशेषज्ञ ऐलेन क्लिंगर का कहना है कि अमेरिका में आधे से ज्यादा COVID-19 के मरीजों के पेशाब में खून और प्रोटीन पाया गया. जोकि किडनी डैमेज होने के शुरुआती लक्षण हैं. ऐलेन क्लिंगर कोरोना के मरीजों का डायलिसिस कर रही टास्क फोर्स का हिस्सा हैं. ऐलेन क्लिंगर के मुताबिक ऐसे मरीजों की संख्या काफी बढ़ रही है और इस बात की संभावना है कि कोरोना वायरस किडनी सेल्स पर भी अटैक करता है. मेडिकल जर्नल किडनी इंटरनेशनल में छपे वुहान के वैज्ञानिकों के एक लेख में सामने आया है कि कोरोना से मरने वाले लोगों की अटॉप्सी में 26 में से 9 लोगों मे एक्यूट किडनी इंजरी पाई गई जबकि इनमें से 7 की किडनी में कोरोना वायरस के कण पाए गए.
हृदय: फेफडों और किडनी के अलावा दिल पर भी कोरोना के असर के संकेत पाए गए हैं. चीन और न्यूयॉर्क के चिकित्सकों ने कोरोना के मरीजों में मायोकार्डिटिस का जिक्र किया है. इसके चलते दिल की मांसपेशियों में सूजन और अनियमित खतरनाक दिल की लय की वजह से मरीजों में दिल का दौरा पड़ने की संभावना होती है. चीन में गंभीर रुप से बीमार लोगों में से 40 % में arrhythmias यानी दिल की लय में असमानता पाई गई जबकि 20% मरीजों के दिल में किसी न किसी प्रकार की चोट पाई गई. कोलंबिया यूनीवर्सिटी में न्यूरोलॉजिस्ट मिशेल एल्काइंड की माने तो इस बात पर चिंता जताई जा रही है कि इन मरीजों में पाई जाने वाली दिल की बीमारियां कोरोना के सीधे असर का नतीजा हो सकती हैं.
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आंख: कोरोना के मरीजों से मिले डाटा में ये भी सामने आया है कि कोरोना आपकी आंखों को भी नुकसान पहुंचा सकता है. चीन के हुबेई प्रांत में 38 कोरोना मरीजों पर की गई एक स्टडी में इनमें से एक तिहाई में पिंकआई यानी आंखों का लाल या गुलाबी होना पाया गया है. वैज्ञानिकों के मुताबिक, कोरोना वायरस आंखों के जरिए भी शरीर में दाखिल होता है इस कारण से भी आखों में इस तरह की परेशानी देखने को मिल सकती है. यही वजह है कि स्वास्थयकर्मियों आंखों को बचाने के लिए फेस शील्ड या चश्मा दिया जाता है.
लिवर: कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक कोरोना का लिवर पर भी असर देखा गया है. लॉन्ग आइलैंड में एक 59 वर्ष की महिला एक्यूट हैपेटाइटिस के चलते अस्पताल आई थी. जिसमें बाद में कोरोना के लक्षण पाए गए. इसके अलावा चीन की एक रिपोर्ट में भी कोरोना के मरीजों में एक्यूट हैपिटाइटिस पाया गया है.
इससे पहले कोरोना के मरीजों पर की रिसर्च में ये भी सामने आया है कि कई मरीजों में सूंघने और स्वाद की क्षमता खत्म हो जाती है. साथ ही कई रिपोर्ट्स ये भी दावा करती हैं कि कोरोना का असर इंसान की पाचन शक्ति पर भी पड़ता है.
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