अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस (Coronavirus) से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए वेंटिलेटर की तत्काल जरूरत के मद्देजर ऑटो सेक्टर की दिग्गज कंपनी जनरल मोटर्स को वेंटिलेटर बनाने के लिए मजबूर किया है.
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न्यूयॉर्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस (Coronavirus) से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए वेंटिलेटर की तत्काल जरूरत के मद्देजर ऑटो सेक्टर की दिग्गज कंपनी जनरल मोटर्स को वेंटिलेटर बनाने के लिए मजबूर किया है और इसके लिए उन्होंने रक्षा शक्तियों का इस्तेमाल किया है.
राष्ट्रपति ने कंपनी के वादों से पीछे हटने और कीमतों को लेकर परेशान व सौदेबाजी करने के बाद ऐसा किया है. ट्रंप ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह जीएम के खिलाफ रक्षा उत्पादन अधिनियम (डीपीए) का इस्तेमाल कर रहे हैं.
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उन्होंने कहा, "हमने सोचा कि हमारे पास 40,000 वेंटिलेटर के लिए एक सौदा था और अचानक, 40,000 से 6,000 तक नीचे आ गया और फिर उन्होंने इस बारे में बात की. उच्च मूल्य की तुलना में हम चर्चा कर रहे थे, जितने पर हम बात कर रहे थे, उससे कहीं ज्यादा कीमतों के बारे में बात की. इसलिए मुझे यह पसंद नहीं आया."
वेंटिलेटर की उपलब्धता महामारी से निपटने के लिए देश की तैयारियों का मापदंड बन गया है, क्योंकि अमेरिका में शुक्रवार रात तक 1,706 मौतों के साथ कोरोना के 104,463 मामले सामने आ चुके थे.
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स्थिति की गंभीरता को दर्शाते हुए, मिशिगन राज्य के एक हॉस्पिटल ग्रुप ने कथित तौर पर जीवन रक्षक उपकरणों की कमी होने पर हेल्थ केयर की व्यवस्था के संबंध में पत्र लिखा. सीएनएन के अनुसार, डॉक्यूमेंट में कहा गया है, "जिन मरीजों के बेहतर होने की सबसे ज्यादा संभावना है, वे हमारी पहली प्राथमिकता हैं."
इसने कथित तौर पर कहा कि रिकवरी के लिए कम संभावना वाले गंभीर मरीजों को वेंटिलेटर से इनकार किया जा सकता है. हॉस्पिटल ग्रुप ने सीएनएन को बताया कि वर्तमान में ऐसी नीत नहीं है लेकिन बेहद खराब हालात में ऐसा हो सकता है.