कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी में जहां लोग और सामाजिक संस्थाएं कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों की मदद कर रहीं है. वहीं मानवता के दुश्मन जीवन रक्षक दवाओं और ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने से बाज नहीं आ रहे हैं. ऐसे में पुलिस प्रशासन सख्त कार्रवाई कर रहा है.
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के खतरे के बीच देश के कई अस्पताल मेडिकल ऑक्सीजन (Medical Oxygen) की कमी का सामना कर रहे हैं. वहीं मानवता के दुश्मन इस मुश्किल घड़ी यानी आपदा में कमाई का मौका देख रहे हैं. हालात ये हैं कि ऑक्सीजन, रेमडेसिविर और अन्य जरूरी दवाइयों की कालाबाजारी धड़ल्ले से जारी है.
दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को अनिल कुमार नाम के शख्स के घर पर छापेमारी के दौरान ऑक्सीजन के 48 सिलेंडर जब्त किए गए. आरोपी अनिल बड़े सिलेंडर से ऑक्सीजन छोटे सिलेंडर में भरकर बेचता था. अब पुलिस ने आरोपी अनिल को गिरफ्तार कर लिया है.
कोलकाता में लाइफ सेविंग ऑक्सीजन की जमाखोरी की खबरों पर पुलिस ने कार्रवाई की है. मनिकताला क्षेत्र में रेड के दौरान कोलकाता पुलिस ने 52 किलो वजनी 13 खाली मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर और 15 किलो वाले दो खाली सिलेंडर जब्त किए हैं. इस सिलिसिले में पुलिस की पड़ताल जारी है.
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एमपी के रतलाम में रेमडेसिविर की कालाबाजारी पर पुलिस ने कार्रवाई की है. यहां जीवांश अस्पताल के एक डॉक्टर और कर्मचारी को गिरफ्तार किया गया, वहीं 1 शख्स फरार बताया जा रहा है. एसपी गौरव तिवारी ने बताया की एक मरीज ने पुलिस को शिकायत की थी कि एक व्यक्ति उत्सव नायक इंजेक्शन 35 हजार में बेच रहा है जबकि बाजार में इसकी कीमत 3 हजार है.
फरियादी की शिकायत पर उत्सव नायक को गिरफ्तार किया गया है. इसके बाद रैकेट में शामिल लोगों के नाम का खुलासा हुआ. आपको बताते चलें कि इस प्राइवेट अस्पताल में शासकीय डॉक्टर्स के तार जुड़े होने की जानकारी है पुलिस इस एंगल से भी अपनी जांच कर रही है.
पुणे शहर की पुलिस ने कहा कि कोरोना रोगियों के लिए फिलहाल संजीवनी का काम कर रही रेमडेसिविर की कालाबाजार की खबरों पर कार्रवाई करते हुए बड़ा अभियान चलाया. इस दौरान एक महिला समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. ये लोग 37 हजार रुपये में इंजेक्शन बेचने की फिराक में थे.
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यूपी के मेरठ में रेमडेसिविर की कालाबाजारी में 10 लोगों पर मुकदमा दर्ज हुआ है. इस मामले में अब तक 8 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. दरअसल मरीजों के लिए जो इंजेक्शन आता था, उसको ये मार्केट में 30 हजार रुपये तक बेच देते थे. इस केस में सुभारती प्रशासन को भी आरोपी बनाने की तैयारी हो रही है. यहां
2 आरोपी कोरोना वार्ड में ड्यूटी करने वाले कर्मचारी हैं, बाकी अस्पताल के गार्ड और बाउंसर हैं.
गाजियाबाद के कविनगर निवासी शोभित जैन इसी हॉस्पिटल में एडमिट थे, जिनके लिए रेमडेसिविर मंगवाया था. स्टाफ ने उनको डिस्टिल वॉटर से भरा इंजेक्शन लगा दिया और उनके लिए आया इंजेक्शन 30 हजार रुपये में दरोगा को बेच दिया. वहीं इधर, शोभित जैन की कुछ देर बाद मौत हो गयी थी.
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सूरत की हालत सही नहीं
वहीं गुजरात का सूरत जिला भी कोरोना के प्रकोप से हलकान है. जिले की पुलिस ने यहां एक डॉक्टर और चार अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ये सभी रेमडेसिविर की कालाबजारी में जुटे थे.
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