इस वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच एक थ्योरी भी तेजी से वायरल हुई कि कोरोना ज्यादातर बच्चों और बूढ़ों को अपना शिकार बनाता है.
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नई दिल्ली: चीन से निकला कोरोना वायरस (Coronavirus) सारी दुनिया के लिए अभिशाप सिद्ध हो रहा है. यह वायरस अब तक दुनियाभर में करीब 19 हजार लोगों की जान ले जुका है जबकि करीब तीन लाख लोग अभी भी इसकी चपेट में हैं. हालांकि खुशी की बात यह है कि एक लाख 9 हजार से ज्यादा लोग ठीक हो चुके हैं.
इस वायरस के बढ़ते संक्रमण के बीच एक थ्योरी भी तेजी से वायरल हुई कि कोरोना ज्यादातर बच्चों और बूढ़ों को अपना शिकार बनाता है. लेकिन ऐसा नहीं है, कोरोना किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को हो सकता है. इसे ऐसे समझें, लॉस एंजिल्स के मेयर एरिक गार्सेटी ने बताया कि संयुक्त राज्य अमेरिका में नोवल कोरोनो वायरस के कारण सबसे पहले एक किशोर की मौत हुई थी. उसे पहले से कोई बीमारी नहीं थी वह पूरी तरह से स्वस्थ था.
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किसी को भी हो सकता है कोरोना
गार्सेटी ने कहा कि अब तक यह बताया जा रहा था कि यह बीमारी किशोरों के लिए नहीं बल्कि बच्चों और बूढ़ों के लिए है. लेकिन इस वायरस से पीड़ित एक किशोर (जिसे पहले से कोई बीमारी नहीं थी) की मौत ने इस थ्योरी को झुठला दिया है. हालांकि अब तक के ज्यादातर मामलों में ये देखा गया है कि इस बीमारी से ज्यादातर ऐसे लोगों की मौत हुई है जिन्हें पहले से कोई बीमारी रही हो.
युवाओं को संदेश
गार्सेटी ने बुधवार समाचार एजेंसी AFP से कहा, "एक स्वस्थ किशोर ने इस वायरस के कारण दम तोड़ दिया." उन्होंने सभी युवाओं को इससे अपने स्तर पर बचाव करने और लड़ने का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि यह जानलेवा वायरस आप जैसे स्वस्थ इंसान को भी मार सकता है. उन्होंने कहा, ''आपका व्यवहार एक जीवन बचा सकता है, और एक जीवन ले भी सकता है. और वह जीवन आपका हो सकता है.''
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उपचार से ज्यादा जरूरी है सावधानी
वैज्ञानिक और मेडिकल एक्सपर्ट्स इसकी दवा ढूंढने की कोशिश में लगे हुए हैं. लेकिन सावधानी उपचार से ज्यादा जरूरी है, इसलिए हर देश के हर नागरिक को अपने स्तर पर इससे बचने के लिए आवश्यक सावधानी में कोई चूक नहीं करनी चाहिए.
सर्दी, खांसी और निमोनिया के लक्षण
इंग्लैण्ड के लांसेट मेडिकल जर्नल के अनुसार कोरोना वायरस के मरीजों में सर्दी, खांसी और निमोनिया के लक्षण देखे जा रहे हैं. साथ ही वायरस के हमले के शिकार इन मरीजों के फेफड़ों में भी पानी भरा पाया गया है. सर्दी, खांसी और निमोनिया के अतिरिक्त सांस की समस्या भी इनमें से कई लोगों में देखी गई है.
मांसपेशियों और सर में दर्द
लांसेट जर्नल ने बताया कि डॉक्टर्स के अनुसार इन मरीजों के शरीर में कोरोना वायरस के संक्रमण के फैलने के बाद इन लोगों की मांसपेशियों और सिर में तेज़ दर्द शुरू हो गया था. वहीं इनमें से कई मरीजों के गले में फोड़े भी पैदा होने लगे थे.
(इनपुट- AFP)
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