चेन्नई. वैक्सीनेशन की रेस में तमिलनाडु पिछड़ता हुआ नजर आ रहा है. राज्य में अभी तक 9 प्रतिशत लोगों को ही कोविड 19 का टीका लग सका है. वैक्सीनेशन के मामले में तमिलनाडु का नाम सबसे निचले पांच राज्यों में शामिल है. उत्तर प्रदेश, असम, बिहार और झारखंड के अलावा ​तमिलनाडु ऐसा राज्य है, जहां सबसे कम टीके लगाए जा सके हैं. 


राज्य में वैक्सीनेशन के कम होने की वजह 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

आंकड़ों के मुताबिक, 7 करोड़ आबादी वाले तमिलनाडु में केवल 9 प्रतिशत जनसंख्या को ही वैक्सीन का पहला डोज मिला है. राज्य में वैक्सीनेशन के कम होने की वजह लोगों में संकोच को माना जा रहा है. हालांकि, स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि अब हालात बेहतर हो रहे हैं. 


अधिकारियों के मुताबिक, जनवरी से फरवरी के बीच तमिलनाडु में वैक्सीन की 4.57 लाख डोज ही लगाई जा सकी थी. हालांकि मार्च में यह दर पांच गुना बढ़ी. इस दौरान 28 लाख से ज्यादा डोज दिए गए थे. वहीं मई में ये आंकड़ा सात गुना बढ़कर 30 डोज की संख्या को पार कर गया था.


VIDEO



वैक्सीन सप्लाई पर सवाल 


दूसरी तरफ राज्य सरकार ने वैक्सीन सप्लाई पर भी सवाल उठाए हैं. राज्य सरकार का कहना है कि केंद्र, उपयोग के आधार पर वैक्सीन सप्लाई कर रहा है, जनसंख्या के अनुपात के आधार पर नहीं.


अधिकारियों ने कहा कि राज्य में जागरूकता बढ़ गई है और वैक्सीन लेने के लिए लोग आगे आ रहे हैं. लेकिन दिक्कत ये है कि चेन्नई में केवल कुछ हजार डोज ही बचे हैं.



दूसरी लहर के बाद राज्य में बढ़ गई वैक्सीन की मांग


अधिकारियों के मुताबिक, दूसरी लहर के बाद राज्य में वैक्सीन की मांग बढ़ गई है और कम होते स्टॉक के चलते राज्य पर ज्यादा डोज सप्लाई करने का दबाव है.


राज्य के स्वास्थ्य सचिव डॉक्टर जे राधाकृष्णन ने कहा, 'अब हमें निजी तौर पर लगता है कि इसे तमिलनाडु के पिछड़ जाने की तरह नहीं देखा जाना चाहिए. अब वैक्सीन को लेकर कोई संकोच नहीं है और लोग बड़ी संख्या में वैक्सीनेशन के लिए आ रहे हैं. हमें इस आधार पर गणना और आपूर्ति करने की जरूरत है. भारत सरकार ने मई से जून में हमारी सप्लाई को दोगुने से अधिक कर दिया है.