इस वक्त पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है.
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नई दिल्ली: इस वक्त पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है. दुनियाभर में 155 जगहों पर कोरोना की वैक्सीन को विकसित करने की कोशिशें हो रही हैं. भारत में भी इसमें पीछे नहीं हैं. दिल्ली के एम्स में इस सिलसिले में सोमवार से देश में वैक्सीन निर्माण के लिए सबसे बड़ा ह्यूमन ट्रायल शुरू हो रहा है. एम्स में 100 लोगों पर ह्युमन ट्रायल होने जा रहा है. एम्स के कोरोना वैक्सीन के प्रिंसिपल इंवेस्टीगेटर डॉ संजय राय का इस बारे में कहना है कि यदि सब कुछ प्लान के मुताबिक रहा तो भारत में इस साल के अंत तक कोरोना का स्वदेशी वैक्सीन विकसित हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि ह्युमन ट्रायल के लिए एम्स की वेबसाइट पर 1800 से भी अधिक वालंटियर्स ने रजिस्ट्रेशन कराया है. इनमें पहले चरण में 375 लोगों का ट्रायल किया जा रहा है. उसके बाद दूसरे चरण में 12 साल से लेकर 65 साल के आयु वर्ग को शामिल किया जाएगा. दूसरे चरण में 700 से अधिक लोग वालंटियर होंगे. उसके बाद तीसरे चरण में सबसे ज्यादा वालंटियर्स को शामिल किया जाएगा. दवा की खुराक, सुरक्षा और अन्य मानकों के लिहाज से इस चरण में अंतिम रूप से ये देखा जाएगा कि कोरोना के खिलाफ जंग में दवा का आखिर कैसा असर शरीर पर पड़ा?
देश के 12 संस्थानों में इस वैक्सीन पर मानव परीक्षण का काम शुरू हो गया है. जिन 12 संस्थानों में कोरोना वैक्सीन को लेकर मानव परीक्षण का काम चल रहा है, उनमें दिल्ली और पटना के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान यानी एम्स और हरियाणा के रोहतक का पीजीआई भी शामिल है.