Laddakh News: स्वच्छ ऊर्जा और ग्रीन ट्रान्सपोर्टेशन की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए लद्दाख की राजधानी लेह से पहली हाइड्रोजन फ्यूल सेल बस सेवा की शुरुआत की गई है. अत्याधुनिक तकनीक से लैस इस बस को लेह की ऊंचाई और ठंडे मौसम को ध्यान में रखते हुए खासतौर से डिजाइन किया गया है.
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Hydrogen Fuel Cell Bus In Leh: लद्दाख की राजधानी लेह में अब स्वच्छ ऊर्जा से चलने वाली बस दौड़ेगी. यह लद्दाख ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए एक नई शुरुआत है. पहली बार लेह में हाइड्रोजन फ्यूल सेल तकनीक से चलने वाली बस सेवा की शुरुआत की गई है. यह बस न सिर्फ एनवायरोमेंट के अनुकूल है, बल्कि इसे लेह की ऊंचाई और ठंडे मौसम को ध्यान में रखते हुए खासतौर पर डिजाइन किया गया है. IANS की रिपोर्ट के मुताबिक, यह सर्विस सोमवार या मंगलवार से शुरू होने की उम्मीद है.
इस परियोजना का मकसद सिर्फ बस चलाना नहीं, बल्कि कार्बन मुक्त लद्दाख की तरफ एक ठोस कदम बढ़ाना है. यह पहल पीएम नरेंद्र मोदी के उस संकल्प का हिस्सा है, जिसमें उन्होंने 2020 में स्वतंत्रता दिवस पर लद्दाख को देश का पहला कार्बन न्यूट्रल प्रदेश बनाने का ऐलान किया था. उन्होंने कहा था लद्दाख की कई विशेषताएं हैं और हमें कि लद्दाख की प्रकृति, संस्कृति और जलवायु को सहेजना चाहिए.
इसी सोच को आगे बढ़ाते हुए मोदी सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी प्रोजेक्ट के तहत NTPC (नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन) के साथ मिलकर यह प्रोजेक्ट शुरू की है. यह बस सर्विस सिर्फ एक शुरुआत है. फ्यूचर में लद्दाख और देशभर में ऐसी कई पहलें देखने को मिलेंगी, जो हरित ऊर्जा की ओर भारत की राह को मजबूत बनाएंगी.
एक बस की कितनी है कीमत?
NTPC ने इस प्रोजेक्ट के तहत लेह के सबसे ऊंचे क्षेत्र में समुद्र तल से 11,562 फीट की ऊंचाई पर 1.7 मेगावाट का सोलर प्लांट बनाया है. इस सोलर प्लांट के जरिए हाइड्रोजन तैयार कर इन बसों को ऊर्जा प्रदान की जाएगी. इसके लिए लेह एडमिनिस्ट्रेशन द्वारा एनटीपीसी को 7.5 एकड़ जमीन लीज पर दी गई है. इस प्रोजेक्ट में शामिल हाइड्रोजन बसें गाड़ियां बनाने वाली कंपनी अशोक लेलैंड से खरीदी गई हैं. एक बस की कीमत करीब 2.5 करोड़ रुपए है.
फिलहाल तीन रूटों पर सर्विस शुरू होगी
लेह में SIDCO के ऑपरेशन इंचार्ज ताशिचोजिन ने बताया कि अब तक पांच बसें मिल चुकी हैं. इन बसों को तीन रूटों पर चलाने की योजना बनाई गई है. उन्होंने कहा कि सोमवार या मंगलवार से बस सर्विस शुरू हो जाएगी. अभी ट्रायल के तौर पर बस एक-दो दिन चलाई जाएगी. अगर कोई दिक्कत नहीं आती है तो फिर रेगुलर सर्विस शुरू कर दी जाएगी.
एक बार चार्ज होने पर 230 KM की दूरी तय करेगी बस
ताशिचोजिन ने बताया कि हर एक बस में 32 मुसाफिरों के बैठने की क्षमता है और यह एक बार चार्ज होने पर करीब 230 किलोमीटर की दूरी तय कर सकती है. इन बसों का किराया भी इलेक्ट्रिक बसों के समान ही रहेगा, जिससे यात्रियों को आर्थिक रूप से भी फायदा मिलेगा.
इनपुट- IANS