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नई दिल्ली : कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले से जुड़े एक मामले में बयानों में कथित भिन्नता पर आपत्ति जताने के बाद यहां की एक विशेष अदालत ने झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा से पूछा कि क्या आपने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ‘महज मजे लेने के लिए’ तलब करवाना चाहा।
विशेष सीबीआई जज भरत पाराशर ने कोड़ा के वकील से पूछा, 'क्या आपने महज मजे लेने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री को तलब करने की अर्जी आगे बढ़ाई।' अदालत में इस मामले में आरोप तय करने पर बहस चल रही है।
कोड़ा के वकील अंशुमान सिन्हा ने दलील दी कि जैसा कि सीबीआई ने अपने आरोप पत्र में कहा है, वैसा कोई षड्यंत्र नहीं था। इस पर अदालत ने उनसे उक्त सवाल किया। अदालत ने कहा, 'कृपया आप आरोप तय करने पर दलीलों के साथ अपने आवेदन भी जोड़ें, जिसमें मनमोहन सिंह और दो अन्य को आरोपी के तौर पर तलब करने की गुजारिश की थी।
अदालत ने कहा, 'आपने तब कहा था कि इसमें षड्यंत्र था, लेकिन अब आप कह रहे हैं कि इसमें कोई षड्यंत्र नहीं था। अदालत के सवाल का जवाब देते हुए कोड़ा के वकील ने कहा कि सिंह को आरोपी के तौर पर समन जारी करने पर दलील देते समय उन्होंने केवल यही कहा था कि सीबीआई के मामले के मुताबिक कोई षड़यंत्र नहीं रचा गया था।'
उन्होंने अदालत को बताया, 'मैंने केवल यही कहा कि अगर कोई षड्यंत्र था तो सिंह को भी बुलाया जाना चाहिए। सीबीआई अलग-अलग मापदंड नहीं अपना सकती।' उल्लेखनीय है कि अदालत ने इससे पहले सिंह और दो अन्य को इस मामले में अतिरिक्त आरोपी के तौर पर बुलाने की कोड़ा की अर्जी खारिज कर दी थी। यह मामला झारखंड में अमरकोंडा मुर्गादंगल कोल ब्लॉक का जिंदल समूह की कंपनियों जेएसपीएल और गगन स्पंज आयरन को आवंटन में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है।