हिजबुल प्रमुख के खिलाफ आरोपों पर अदालत का आदेश 21 सितंबर को
Advertisement

हिजबुल प्रमुख के खिलाफ आरोपों पर अदालत का आदेश 21 सितंबर को

दिल्ली की एक अदालत उस मामले में आरोप तय करने के लिए अपना आदेश 21 सितंबर को सुना सकती है जिसमें, भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान से लगभग 80 करोड़ रूपये कथित तौर पर लेने के मामले में हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन का नाम आरोपपत्र में शामिल है।

हिजबुल प्रमुख के खिलाफ आरोपों पर अदालत का आदेश 21 सितंबर को

नयी दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत उस मामले में आरोप तय करने के लिए अपना आदेश 21 सितंबर को सुना सकती है जिसमें, भारत में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए पाकिस्तान से लगभग 80 करोड़ रूपये कथित तौर पर लेने के मामले में हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन का नाम आरोपपत्र में शामिल है।

अदालत ने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी और अदालत में मौजूद चार आरोपियों की दलीलों पर स्पष्टीकरण की अगर जरूरत नहीं है तो वह 21 सितंबर को आरोप पर अपना आदेश पारित करेगी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश नीना बंसल कृष्णा ने कहा कि अब मामला स्पष्टीकरणों के लिए आएगा,अगर हों तो, और आदेश 21 सितंबर को दिया जाएगा।

एनआईए ने इस मामले में सलाहुद्दीन तथा 11 अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था जिनमें से आठ तो पाकिस्तान में रह रहे हैं और उन्हें अदालत पूर्व में भगोड़े अपराधी घोषित कर चुकी है। इन लोगों के नाम भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र), 121-ए (देश के खिलाफ अपराध की साजिश रचने) तथा गैरकानूनी गतिविधियां निरोधक कानून के विभिन्न प्रावधानों के तहत दंडनीय अपराध के लिए आरोप पत्र में लिए गए हैं।

एनआईए ने आरोपपत्र में आरोप लगाया है कि हिजबुल मुजाहिदीन को पड़ोसी देश से नियमित रूप से धन मिलता रहा है और यह रकम जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकवादियों को और मारे गए आतंकवादियों के परिवार वालों को दी जाती थी। राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अनुसार, बीते आठ साल में भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए लगभग 80 करोड़ रूपये मिले और यह राशि पाकिस्तान तथा पाक अधिकृत कश्मीर से लगातार आती रही।

एनआईए ने कहा कि जम्मू कश्मीर एफेक्टीज रिलीफ ट्रस्ट (जेकेएआरटी) के नाम से आतंकी संगठन भारत में आतंकी गतिविधियों को आगे बढ़ाने में सक्रियता से संलिप्त है। पहले आरोपपत्र में सलाहुद्दीन के अलावा एनआईए ने मोहम्मद शफी शाह, तालिब अली, गुलाम नबी खान, उमर फारूक शेरा, मंजूर अहमद डार, जफर हुसैन भट्ट, नजीर अहमद डार, अब्दुल मजीद सोफी और मुबारक शाह के नाम बतौर आरोपी शामिल किए हैं। दस आरोपियों में से केवल मोहम्मद शफी शाह और तालिब अली को ही गिरफ्तार किया गया। अन्य फरार हैं।

एजेंसी ने बाद में दो अन्य आरोपियों मुश्ताक अहमद लोन और मुजफ्फर अहमद डार के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दाखिल किए। एनआईए ने कहा कि जेकेएआरटी का मुख्यालय पाकिस्तान के रावलपिंडी में है और इसके ब्रांच ऑफिस इस्लामाबाद तथा मुजफ्फराबाद में हैं। जांच एजेंसी के अनुसार, हवाला एवं बैंकिंग चैनलों के जरिये धन भारत पहुंचा और न केवल जम्मू कश्मीर में बल्कि दिल्ली में और देश के अन्य भागों में भी इसका वितरण किया गया।

प्रतिबंधित आतंकी समूह का ब्यौरा देते हुए एनआईए ने कहा कि हिजबुल मुजाहिदीन ने इसका मुख्य कार्यालय पाकिस्तान के इस्लामाबाद में स्थापित किया है जबकि जेकेएआरटी इसका मुखौटा संगठन है। हिजबुल मुजाहिदीन के कैडरों को दी जाने वाली राशि के संबंध में एनआईए ने बताया कि 1990 के दशक में उन्हें 2000 रूपये से 3000 रूपये मासिक दिए जाते थे और 2011 में यह रकम बढ़ कर 10,000 रुपये से 20,000 रुपये हो गई।

 

Trending news