ऐसा पहली बार है जब भारत में किसी कोरोना वैक्सीन के ट्रायल की पीर-रिव्यू रिपोर्ट सामने आई हो. इस रिपोर्ट को Lancet ने प्रकाशित किया है. इस रिपोर्ट के अनुसार, Covaxin क्लीनिकल ट्रायल में पूरी तरह सुरक्षित पाई गई है.
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नई दिल्ली: भारत की पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन 'Covaxin' के पहले चरण के ट्रायल की पीर-रिव्यू रिपोर्ट (Peer-Review Report) विश्व प्रसिद्ध मेडिकल जर्नल लांसेट (Lancet) ने प्रकाशित की है. ऐसा पहली बार है जब भारत में किसी कोरोना वैक्सीन के ट्रायल की पीर-रिव्यू रिपोर्ट सामने आई हो.
गुरुवार को लांसेट में छपी इस पीर-रिव्यू रिपोर्ट में बताया गया है कि Covaxin के पहले चरण के ट्रायल में इसके सुरक्षा परिणामों और इम्यून रिस्पॉन्स में काफी बढ़ोतरी देखी गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, पूरे भारत के 11 अस्पतालों में 13 से 30 जुलाई तक इस स्वदेशी वैक्सीन की सेफ्टी और इम्यूनोजेनिसीटी (Immunogenicity) जांचने के लिए 375 लोगों पर स्टडी की गई थी. साथ ही स्टडी में शामिल सभी लोगों की उम्र 18 से 55 साल के बीच थी.
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इस डबल-ब्लाइंड रैंडमाइज्ड कंट्रोल स्टडी के पहले चरण की पीर-रिव्यू रिपोर्ट के अनुसार अन्य इन एक्टिवेटेड वैक्सीन कैंडिडेट की तरह ही इस स्वदेशी वैक्सीन में भी वैक्सीन से बाइंडिंग और न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी रिस्पॉन्स पाया गया. वहीं सेफ्टी की बात करें तो क्लीनिकल ट्रायल के पहले चरण में किसी भी तरह के गंभीर साइड-इफेक्ट्स लोगों में नहीं दिखे. हालांकि कुछ लोगों को इंजेक्शन की जगह पर दर्द, सिरदर्द, थकान और बुखार की शिकायत जरूर आई थीं जो किसी भी आम वैक्सीन को लेने पर होती है.
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गौरतलब है कि भारत की स्वदेशी कोवैक्सीन को भारत बायोटेक ने पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर विकसित किया है. भारत में इसके इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी भी मिल गई है. इसके बाद अब भारत में दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीनेशन ड्राइव शुरू की गई है जिसमें हेल्थकेअर वर्कर्स और फ्रंट लाइन वॉरियर्स को सबसे पहले कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है.
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