पश्विम बंगाल से राज्यसभा सदस्य के तौर पर येचुरी का कार्यकाल अगले महीने खत्म हो रहा है.
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नयी दिल्ली: माकपा की केंद्रीय समिति ने फैसला किया कि पार्टी महासचिव सीताराम येचुरी को लगातार तीसरी राज्यसभा के लिए नामांकित नहीं किया जाएगा. केंद्रीय समिति इस मुद्दे पर विभाजित थी, हालांकि हाथ उठाकर मतदान के जरिए यह फैसला किया गया. मतदान से पहले मामले पर करीब चार घंटे तक चर्चा हुई.
पार्टी के एक नेता ने बताया, ‘‘पार्टी की इस व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए फैसला किया गया कि माकपा के किसी नेता को दो बार से ज्यादा ऊपरी सदन में नहीं भेजा जा सकता. इसके साथ ही पार्टी की केरल इकाई येचुरी के पुनर्निर्वाचन के लिए कांग्रेस की मदद लेने के पक्ष में नहीं थी.’’
केंद्रीय समिति के अधिकतर सदस्यों ने येचुरी को राज्यसभा के लिए नामांकित करने के प्रस्ताव का विरोध किया. विरोध करने वालों में दक्षिण भारत के राज्यों के सदस्य शामिल थे. पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा की इकाइयों के लोगों ने प्रस्ताव का समर्थन किया. पार्टी के नियमों के मुताबिक पार्टी का कोई भी नेता दो बार से ज्यादा उच्च सदन का सदस्य नहीं हो सकता. येचुरी पहले ही कह चुके थे कि पार्टी का महासचिव होने के नाते वह पार्टी की व्यवस्था पर कायम रहेंगे.
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी चाहती हैं कि येचुरी पश्चिम बंगाल से फिर से राज्यसभा चुनाव में खड़े हों. गौरतलब है कि येचुरी कांग्रेस के समर्थन से ही राज्यसभा पहुंचे हैं. वाम मोर्चा के पास 32 विधायकों का समर्थन है, जिसमें माकपा के 26 विधायक पश्चिम बंगाल विधानसभा से हैं, जबकि कांग्रेस के 44 विधायक हैं. कांग्रेस के समर्थन से येचुरी राज्यसभा में निर्वाचित हो सकते हैं.
पश्विम बंगाल से राज्यसभा सदस्य के तौर पर येचुरी का कार्यकाल अगले महीने खत्म हो रहा है. इस सीट पर चुनाव आगामी आठ अगस्त को प्रस्तावित है और नामांकन दाखिल करने की आखिरी तिथि 28 जुलाई है.