कम्युनिस्ट पार्टी चाहती है कि पश्चिम बंगाल के निकाय चुनावों में टीएमसी के गुंडों से मुकाबला करने में बीजेपी समर्थक उनकी मदद करें.
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कोलकाता: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) (CPIM) चाहती है कि पश्चिम बंगाल के नगरीय निकाय चुनावों में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) से मुकाबला करने में भारतीय जनता पार्टी (BJP) उसकी मदद करे. कोलकाता सीपीएम के जिला सचिव कल्लोल मजुमदार ने कहा, "अगर टीएमसी के गुंडे वोटों पर जबरदस्ती कब्जा करने की कोशिश करते हैं और धमकी देते हैं तो हम जवाबी कार्रवाई करेंगे. लोकसभा चुनावों की तरह अगर बीजेपी कार्यकर्ता उनका मुकाबला करने के लिए हमारे साथ आते हैं तो हम उनका भी स्वागत करेंगे."
कोलकाता जिला सीपीएम सचिव के इस बयान के बाद, सीपीएम की रणनीति सवालों के घेरे में है. पहले से ही टीएमसी ने सीपीएम के इस बयान का भुनाकर करके अपना अभियान शुरू कर दिया है.
टीएमसी के मंत्री और कोलकाता निगम के मेयर फिरहाद हकीम कहते हैं, "यह सीपीएम का असली चेहरा है, जिसकी मदद से लोकसभा चुनावों में बीजेपी को वोट मिले थे.'' मेयर ने तंज कसते हुए आगे कहा, ''अब सीएमपी को रामरेड कहा जाना चाहिए."
बीजेपी नेता जयप्रकाश मजुमदार ने भी कहा, "हमें सीपीएम की जरूरत नहीं है. सीपीएम का कोई असल चेहरा नहीं है. वे अब तृणमूल कांग्रेस के असली दोस्त हैं."
हालांकि, अब सीपीएम नेता अपने इस बयान से मुकरने की कोशिश कर रहे हैं. सोमवार को एक बैठक में कल्लोल मजुमदार ने कहा कि ZEE समूह लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है. मेरे भाषण का गलत मतलब निकाया गया."
वहीं, सीपीएम पोलित ब्यूरो के सदस्य एमडी सलीम कहते हैं, "हम टीएमसी और भाजपा दोनों से लड़ेंगे. हमारा रुख बहुत साफ़ है.
बता दें कि पश्चिम बंगाल में कोलकाता नगर निगम और 92 अन्य नगर निकायों के चुनाव अप्रैल में संपन्न हो सकते हैं. कोलकाता के अलावा, सिलीगुड़ी और चंदननगर नगर निगमों के भी चुनाव होंगे.