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नई दिल्ली. आईपीएल में करोड़ों में बिकने वाले क्रिकेटर पवन नेगी को डीयू में डायरेक्ट्स एडमिशन नहीं मिल पाया है. उन्हें स्पोर्ट्स कोटे के तहत एडमिशन लेने के लिए अब ट्रायल देना पड़ेगा. बता दें 2016 में नेगी आईपीएल के सबसे महंगे खिलाड़ियों में से थे. उन्हें 8.5 करोड़ में दिल्ली ने खरीदा था. हालांकि 2017 में उन्हें आरसीबी ने 1 करोड़ रुपए में खरीद था. पवन नेगी को टी-20 का विशेषज्ञ लेफ्ट आर्म स्पिनर माना जाता है. गेंदबाजी के अलावा वह लंबे हिट लगाने के लिए भी मशहूर हैं.
10 स्टूडेंट्स को मिला है सीधा एडमिशन
दरअसल दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन शुरू हो गए हैं. डीयू में स्पोर्ट्स कोटा 5% होता है. ज्यादातर स्टूडेंट्स को इस कोटे के तहत एडमिशन के लिए ट्रायल देना होता है हालांकि कुछ स्टूडेंट्स डायरेक्ट एडमिशन भी होता है. इस साल स्पोर्ट्स कोटा के तहत करीब 13000 स्टूडेंट्स ने अप्लाई किया है और इंटरनेशनल स्पोर्ट्स इवेंट्स में भाग लेने वाले 10 स्टूडेंट्स को इस बार सीधा एडमिशन दिया गया है.
क्या कहते हैं डीयू के नियम?
डीयू स्पोर्ट्स काउंसिल की गाइडलाइंस के मुताबिक सीधा एडमिशन उन स्टूडेंट्स को मिलता है कि जिन्होंने, ओलंपिक, वर्ल्ड चैंपियनशिप, वर्ल्डकप, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स, एशियन चैंपियनशिप, साउथ एशिएन गेम्स, पैरालंपिक गेम्स में भाग लिया हो.
नेगी ने स्पोर्ट्स कोटा के तहत किया था अप्लाई
2016 में इंडियन टी-20 स्क्वाएड का हिस्सा रहे नेगी ने भी डीयू में स्पोर्ट्स कोटा के तहत एडमिशन के लिए अप्लाई किया था लेकिन उनके द्वारा अपलोड किए गए डॉक्यूमेंट्स में गलती की वजह से उन्हें डीयू में सीट पाने के लिए ट्रायल में शामिल होना पड़ेगा.
डीयू ने कहा हम नियमों से बंधे हैं
अंग्रेजी वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स की एक खबर के मुताबिक डीयू स्पोर्ट्स काउंसिल के डायरेक्टर अनिल कुमार कलकल ने बताया, 'उन्होंने जो सर्टिफिकेट अपलोड किया उसमें कहा गया था उन्होंने विजय हजारे ट्रॉफी में हिस्सा लिया जो कि एक नेशनल लेवल का टूर्नामेंट है. हम गाइडलाइंस से बंध हैं और खासतौर से डॉक्यूमेंट्स के मामले में. उन्हें अब ट्रायल में शामिल होना होगा. '