छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले के शहीद जवानों की वर्दी कचरे के ढेर में पड़े होने मामला गरमाता जा रहा है। इस मामले के सामने आने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
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नई दिल्ली/रायपुर: छत्तीसगढ़ के सुकमा में नक्सली हमले के शहीद जवानों की वर्दी कचरे के ढेर में पड़े होने मामला गरमाता जा रहा है। इस मामले के सामने आने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ सरकार से रिपोर्ट मांगी है।
घटना के बाद राज्य के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इसे शहीदों का अपमान बताया है। गौर हो कि राज्य के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में सोमवार को मुठभेड़ में 14 जवान शहीद हो गए थे । घटना के बाद जवानों के शवों और घायलों को रायपुर रवाना किया गया तथा शवों का यहां के डॉ. भीम राव अंबेडकर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराया गया। लेकिन पोस्टमार्टम के बाद शहीद जवानों की वर्दी अस्पताल के किनारे कचरे के ढेर में फेंक दिया गया।
इस मामले का खुलासा हुआ तब रायपुर जिला कांग्रेस अध्यक्ष विकास उपाध्याय अस्पताल पहुंच गए और वर्दियों को एकत्र कर कांग्रेस भवन ले आए। बाद में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के अधिकारियों ने वर्दियों को अपने कब्जे में लिया। घटना के बाद कांग्रेस ने इसे शहीदों का अपमान बताया और कहा कि शहीदों का अपमान करने वाली सरकार को एक पल भी सत्ता में रहने का अधिकार नहीं है।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मुर्दाघर के बाहर जवानों के जूते, कपड़े बिखरे पड़े हैं। शहीद जवानों की वर्दी कूड़ेदान में पड़ी मिलती है। शरीर के टुकड़ों को कुत्ते खा रहे हैं। भाजपा की सरकार में इतनी मानवता, इतनी संवेदना नहीं है कि शहीदों के अवशेषों और स्मृतियों को सम्मान के साथ रखे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार के लिए यह नई बात भी नहीं है। इसके पहले शहीद जवानों के शव दंतेवाड़ा जिले के किरन्दुल में कूड़ा गाड़ी में ढोये गये थे। उपाध्याय ने बताया कि बाद में शाम को जब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के अधिकारी कांग्रेस भवन पहुंचे तब वर्दियों और जूतों को उनके हवाले कर दिया गया।
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के उपमहानिरीक्षक प्रदीप चंद्रा ने बताया कि घटना की जानकारी मिलने के बाद वर्दी को मंगा लिया गया है तथा इस मामले में गलती किसकी है जांच की जा रही है।