श्रीनगर: आज तक आपने सुना था कि जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने आतंकवाद से संबंधित ज्यादातर अभियानों का नेतृत्व किया है लेकिन यह अभियान पूरी तरह से अलग है. शुक्रवार शाम को एक नियमित गश्त के दौरान केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की 23 बटालियन के जवानों ने झेलम नदी में कुत्ते के एक बच्चे को डूबते हुए देखा और उसे बचाने के लिए तुरंत एक ऑपरेशन शुरू कर दिया. कुत्ता झेलम नदी में फिसल गया था. सीआरपीएफ के एसआई विकास पांडे के नेतृत्व में टीम ने कुत्ते को बचाने का फैसला किया. 


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सीआरपीएफ की टीम ने कुत्ते का शोर सुना और उसके बचाव के लिए पहुंचे. एक आदमी को तुरंत एक सीढ़ी लाने के लिए भेजा गया, जबकि अन्य ने कुत्ते पर नजर रखी. उसे बाहर निकालने के कई प्रयास विफल रहे क्योंकि कुत्ता खुद को बचाने के लिए लगातार अपनी स्थिति बदल रहा था और वह बचाव को कठिन बना रहा था. मगर आखिरकार उसे बचा लिया गया.


सीआरपीएफ के एसआई विकास पांडे ने कहा, 'हम गश्त से लौट रहे थे, तभी हमने कुत्ते के बच्चे को डूबते हुए देखा. कुत्ता मदद के लिए शोर कर रहा था, लेकिन लॉकडाउन के कारण आसपास कोई नहीं था.'


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तनावपूर्ण स्थिति के बावजूद एक हेड कांस्टेबल ने अपनी बुलेटप्रूफ उतार दी और सीढ़ी से नीचे नदी में उतरा. फिर वो कुत्ते को पकड़ने और उसे बाहर निकालने में कामयाब रहा, उसे डूबने से बचा लिया है.


सीआरपीएफ के एसआई बताते हैं, 'हमारा मकसद सेवा और वफादारी है. हम किसी के भी बचाव में आते हैं चाहे वह इंसान हो या जानवर.'


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