अगर साइबर क्रिमिनल कोई लिंक भेजकर आपके खाते से पैसे उड़ा लें तो घबराएं नहीं. थोड़ी सी समझदारी और तेजी दिखाकर आप अपनी ये रकम वापस पा सकते हैं.
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दीक्षा पांडेय,नई दिल्ली: अगर आपको सोशल मीडिया पर चलने वाले हर प्रमोशनल ऐड पर क्लिक करने की आदत है, तो संभल जाइये. ऐसा करके आप एक बड़ी ठगी (Cyber Crime) का शिकार हो सकते हैं. एक क्लिक से आपके अकाउंट के आपकी पूरी कमाई साफ हो सकती है.
ऐसी ही एक घटना दिल्ली से सटे वसुंधरा के रहने वाले बुजुर्ग बालेंद्र त्यागी (69) के साथ हुई है. बालेंद्र त्यागी रिटायर्ड कर्मचारी हैं. वे 19 अक्टूबर 2020 को इंस्टाग्राम स्क्रॉल कर रहे थे. तभी उन्हें इंस्टाग्राम पर एक जाने माने होटल के नाम के साथ फूड ऑर्डर का नंबर दिखा. बालेंद्र ने फूड ऑर्डर के लिए दिए गए नंबर पर कॉल किया तो दूसरी ओर से उन्हें पहले 10 रुपये का पेमेंट करने को कहा गया. बालेंद्र ने कहा कि वे पेटीएम के जरिए भुगतान कर सकते हैं.
इसके बाद शातिर ठग ने उन्हे एक लिंक भेजा और उसी के जरिए पेमेंट करने के लिये कहा. जैसे ही बालेंद्र ने उस लिंक पर क्लिक किया, उनके फोन पर 50 हजार रुपये निकलने (Cyber Crime) का मेसेज आ गया. मेसेज देखते ही बालेन्द्र के पैरों तले जमीन खिसक गई.
बालेंद्र ने तुरंत अपनी बैंक शाखा में पहुंचकर अपना अकाउंट बन्द करवाया. इसके बाद इन्दिरापुरम थाने में शिकायत भी दर्ज कराई. हालांकि अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. पुलिस की लापरवाही की हद तो तब हो गयी जब बुजुर्ग न्याय की उम्मीद में दोबारा थाने पहुंचे तो उन्हे बताया गया कि उनकी शिक़ायत (Cyber Crime) की कॉपी कहीं खो गयी है. जिसके बाद बुज़ुर्ग ने दोबारा मामले की शिक़ायत दर्ज कराई. उन्होंने सम्बंधित बैंक को पत्र लिखकर इस मामले की जानकारी मांगी लेकिन वहां से कोई रिप्लाई नहीं मिला. जिसके बाद उन्होने आरटीआई भी दाखिल की.
अपने साथ हुई इस घटना को बताते हुए बुजुर्ग भावुक भी हुए. उनका कहना था कि परिवार में 8 लोग हैं. रिटायरमेंट के बाद की उनकी जमापूंजी को ठगों ने लूट लिया. इस घटना के बाद से उन्हें 3 दिनों तक नींद नहीं आई. बुजुर्ग ने बताया कि जिस नंबर से उनके साथ ठगी (Cyber Crime) की गई है, वो नंबर अब भी एक्टिव है. उनका कहना है कि सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म्स को अपने यहां चल रहे सभी ऐड्स पर निगरानी रखनी चाहिये, वरना इसी तरह से लोग ऑनलाइन ठगी का शिक़ार होते रहेंगे.
बता दें कि ऐसे साइबर अपराधों पर आईटी एक्ट 2008 की धारा 43, 66C, आईपीसी की धारा 419 के तहत कारवाई किये जाने का प्रावधान है. इस अपराध में 3 साल तक की जेल या एक लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है. हालांकि इंदिरापुरम साइबर पुलिस इतने महीने बाद भी अपराधियों का पता नहीं लगा सकी हैं. अधिकारी भी इस मसले पर बात करने के बजाय टालमटोल कर रहे हैं.
होम मिनिस्ट्री और दिल्ली पुलिस ने 155260 हेल्पलाइन नंबर लॉन्च किया है. लोग इस नंबर पर कॉल करके ऑनलाइन फ्रॉड की शिकायत दर्ज करा सकते हैं. 7 से 8 मिनट में हेल्पलाइन नंबर उस बैंक को अलर्ट भेजेगा, जिस अकाउंट में साइबर ठग द्वारा पैसा ट्रांसफर किया होगा. इससे पैसा होल्ड पर चला जाएगा.
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हेल्पलाइन नंबर के अलावा आप वेबसाइट https://cybercrime.gov.i/ पर जाकर ऑनलाइन फ्रॉड की शिकायत दर्ज करा सकते है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गृह मंत्रालय ने पिछले साल साइबर पोर्टल https://cybercrime.gov.i/ और दिल्ली पुलिस की साइबर सेल के साथ 155260 पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया था. इस इंडियन साइबर क्राइम को-आर्डिनेशन प्लेटफॉर्म पर सबसे पहले दिल्ली को जोड़ा गया है. इसके बाद राजस्थान को जोड़ा गया है.
भारतीय रिजर्व बैंक ने भी ट्वीट कर स्पष्ट किया है, 'अगर आपके खाते से कोई गैरकानूनी ट्रांजेक्शन (Cyber Crime) हुई है तो उसकी सूचना तुरंत अपने बैंक को दें. बिना देरी करे सूचना देने से आप बच सकते हैं. ऐसा करना से आपके सारे पैसे आपको मिल सकते हैं.
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