अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का भारत के खिलाफ दहशतगर्दी फैलाने वालों से गहरा नाता है, यह एक वीडियो से एक बार फिर जाहिर हुआ है।लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वह कथित रूप से यह कहते हुए पाया गया है कि दाऊद इब्राहिम भारत के खिलाफ जेहादी ताकतों के साथ आ सकता है। यह वीडियो 5 फरवरी को शूट किया गया था। इस दिन को पाकिस्तान में 'कश्मीर दिवस' के तौर पर मनाया जाता है।
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नई दिल्ली : अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का भारत के खिलाफ दहशतगर्दी फैलाने वालों से गहरा नाता है, यह एक वीडियो से एक बार फिर जाहिर हुआ है।लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद के बेटे तल्हा सईद का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें वह कथित रूप से यह कहते हुए पाया गया है कि दाऊद इब्राहिम भारत के खिलाफ जेहादी ताकतों के साथ आ सकता है। यह वीडियो 5 फरवरी को शूट किया गया था। इस दिन को पाकिस्तान में 'कश्मीर दिवस' के तौर पर मनाया जाता है।
समाचार एजेंसी एएनआई ने रक्षा विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि तल्हा ने अपनी रैली में इस बात के पर्याप्त संकेत दिए कि दाऊद कश्मीर सहित भारत के अन्य इलाकों में आतंकवादी हमलों की साजिश रचने और उन्हें अमलीजामा पहनाने में सक्रियता दिखाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीने 'कश्मीर डे' के मौके पर अपने जहरीले भाषण के दौरान तल्हा ने भारत में दाऊद से जुड़े जेहाद के बारे में बताया।
रिपोर्ट में फ्लाइंग ऑफिसर शिवाली देशपांडे के हवाले से कहा गया है कि 'तल्हा ने संकेत दिया कि दाऊद और जेहाद को एक साथ लाकर आतंकवादी घटनाएं की जा सकती हैं।'
तल्हा के इस नए वीडियो ने सुरक्षा एजेंसियों के कान खड़े कर दिए हैं। ऐसा पहली बार है जब पाकिस्तान स्थित किसी आतंकवादी संगठन ने सीधे तौर पर अंडरवर्ल्ड डॉन नाम लिया है।
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, 'वीडियो में तल्हा भीड़ से पूछता है कि क्या वे न्यायाधीश, पुलिस अथवा डॉक्टर बनना चाहते हैं, इस पर भीड़ जवाब देती है 'नहीं'। तल्हा आगे पूछता है कि क्या वे दाऊद अथवा बुरहान वानी बनना चाहते हैं तो भीड़ 'हां' में जवाब देती है।'
गौरतलब है कि भारत में दहशतगर्दी और आतंकी घटनाओं से दाऊद का जुड़ाव सामने आ चुका है। दाऊद 1993 में हुए मुंबई धमाकों के बाद कराची में रह रहा है। हालांकि, पाकिस्तानी सरकार इस बात से इनकार करती आई है। दाऊद के नकली करेंसी, ड्रग्स और रियल एस्टेट के धंधे में शामिल होने की बात जगजाहिर है। भारतीय खुफिया एजेंसियां मानती हैं कि डी-कंपनी के पैसे का बड़ा हिस्सा आतंकवाद की फंडिंग पर खर्च होता है।