अगस्तावेस्टलैंड सौदा : कांग्रेस बोली- अपनी खामियों को छिपा रही है मोदी सरकार
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अगस्तावेस्टलैंड सौदा : कांग्रेस बोली- अपनी खामियों को छिपा रही है मोदी सरकार

मोदी सरकार पर केवल ‘आक्षेप और आरोपों’ के आधार पर एक राजनीतिक दल के प्रमुख को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने आज कहा कि मोदी सरकार अपने कुप्रशासन को छिपाने के लिए अगस्ता वेस्टलैंड का मुद्दा उठा रही है। राज्यसभा में अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में कथित घूस और भ्रष्टाचार के आरोपों पर अल्पकालिक चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी ने भाजपा के भूपेंद्र यादव द्वारा किए गए सवालों का एक के बाद एक जवाब देने का प्रयास किया। यादव ने सौदे में पूर्ववर्ती संप्रग सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए थे।

अगस्तावेस्टलैंड सौदा : कांग्रेस बोली- अपनी खामियों को छिपा रही है मोदी सरकार

नई दिल्ली : मोदी सरकार पर केवल ‘आक्षेप और आरोपों’ के आधार पर एक राजनीतिक दल के प्रमुख को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने आज कहा कि सरकार अपने कुप्रशासन को छिपाने के लिए अगस्ता वेस्टलैंड का मुद्दा उठा रही है।

राज्यसभा में आज अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में कथित घूस और भ्रष्टाचार के आरोपों पर अल्पकालिक चर्चा में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी ने भाजपा के भूपेंद्र यादव द्वारा किए गए सवालों का एक के बाद एक जवाब देने का प्रयास किया। यादव ने चर्चा की शुरूआत करते हुए वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे में पूर्ववर्ती संप्रग सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए थे।

सिंघवी ने संप्रग का बचाव करते हुए कहा कि भाजपा के मन में कुछ लोगों के लिए ‘गहरी नफरत’ है जिसके चलते पार्टी उसके नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अहमद पटेल को निशाना बना रही है। उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि सत्ताधारी दल के हित मुद्दे के निष्कर्ष पर पहुंचने के नहीं बल्कि उसको बनाए रखने और निशाना बनाने में है।’ उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा असली दोषियों का पता नहीं लगाना चाहती।

सिंघवी ने सरकार पर ‘सत्ता के अहंकार’ में डूबे होने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ऐसी तिकड़मों से भयभीत होने वाली नहीं है। उन्होंने सीपी, वीपी और एपी जैसे कुछ संदर्भों का अपने अनुसार अर्थ निकालने के भाजपा के प्रयासों को हास्यास्पद बताते हुए कहा कि हवाला मामले में एक संदर्भ ‘एलकेए’ आया था और अदालत के फैसले में स्पष्ट कहा गया था कि दस्तावेज में ऐसे संदर्भ आने का मतलब कोई प्रमाण होना नहीं है।

सिंघवी ने भाजपा पर दोहरे मानदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि लालकृष्ण आडवाणी के मामले में सदन के नेता अरूण जेटली ने कहा था कि ऐसे संदर्भों का कोई प्रमाण के तौर पर महत्व नहीं है। उन्होंने कहा कि ‘एपी’ के संदर्भ को गुजरात के मुख्यमंत्री सहित कई लोगों के लिए समझा जा सकता है। हालांकि उन्होंने आनंदीबेन पटेल का नाम नहीं लिया जो गुजरात की मुख्यमंत्री हैं।

सिंघवी ने दावा किया कि सरकार इतालवी अदालतों की ओर अधिक ध्यान दे रही है। कांग्रेस नेता ने कहा कि एक भी आरोप उस तरह का नहीं है जिस तरह के तथ्य सीबीआई या प्रवर्तन निदेशालय की जांच में हैं। उन्होंने कहा कि हम इतालवी अदालत की व्याख्या पर भरोसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब तक इतालवी अदालत के फैसले का आधिकारिक अनुवाद उपलब्ध नहीं हो पाया है।

सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम केवल एक पत्र में आया है जिसमें कहा गया है कि वह उन अतिविशिष्ट हस्तियों में से एक होंगी जो हेलीकॉप्टर का उपयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि यहां तक कि एक कथित बिचौलिये गुइदो हश्के ने भी कहा है कि उसे पता नहीं है कि ‘एपी’ का संदर्भ किसके लिए है। सिंघवी ने कहा कि वह चाहते हैं कि हम सभी ‘एपी’ के बारे में सोचें जिससे हमे इस तरह के संदर्भो का उपयोग करते समय, ऐसी समस्या का हल निकालने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने सौदे के संबंध में ‘सब कुछ बिल्कुल ठीक’ होने का दावा नहीं किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार उन लोगों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने का प्रयास कर रही है जो इसमें शामिल नहीं हैं। सिंघवी ने कहा कि उनकी पार्टी ने सौदे के संबंध में ‘सब कुछ बिल्कुल ठीक’ होने का दावा नहीं किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार उन लोगों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाने का प्रयास कर रही है जो इसमें शामिल नहीं हैं। 

उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि कुछ तो गलत हुआ है।’ उन्होंने सरकार से जानना चाहा कि क्या प्रतिद्वन्द्वियों को निशाना बना कर वह जांच को नुकसान नहीं पहुंचा रही है और दोषियों को बचने नहीं दे रही है। सिंघवी ने कहा कि सौभाग्य से यह तो समझा जा चुका है कि मामले के संबंध में आया ‘फैमिली’ संदर्भ त्यागी परिवार के लिए है। अन्यथा कुछ लोग के लिए इसका मतलब तो केवल एक ‘फैमिली’ यानी परिवार से होता। उनका इशारा गांधी परिवार की ओर था।

उन्होंने जोर दिया कि तत्कालीन रक्षा मंत्री एके एंटनी ने सौदा रद्द कर मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था। संप्रग सरकार ने सौदे के लिए 1586 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया था लेकिन उसने अगस्ता वेस्टलैंड कंपनी से 2063 करोड़ रूपये वसूले 900 करोड़ रूपये के तीन हेलीकॉप्टर भी जब्त किए।

सिंघवी ने सवाल उठाया कि राजग सरकार ने अगस्ता वेस्टलैंड समूह की कंपनियों को कारोबार करने की अनुमति क्यों दी। उन्होंने दावा किया कि ऐसी एक कंपनी को एफआईपीबी मंजूरी दी गई और उसने येलाहांका वायु सेना स्टेशन में आयोजित एक वैमानिकी शो में हिस्सा भी लिया था। उन्होंने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया कि अगस्ता वेस्टलैंड सौदे की शर्तो में नियमों का उल्लंघन कर बदलाव किया गया था।

इससे पहले चर्चा की शुरूआत करते हुए भाजपा के भूपेंद्र यादव ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है कि आजादी के कई दशकों के बाद भी रक्षा सौदों में पारदर्शिता नहीं आ पाई है। यादव ने कहा कि मानकों को बार बाद बदला गया और तत्कालीन रक्षा मंत्री ए के एंटनी तथा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आपत्तियों को दरकिनार कर दिया गया।

मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए यादव ने कहा कि वर्ष 1999 में वीवीआईपी लोगों के दौरों के लिए एमआई.8 हेलीकॉप्टरों को बदलने की सिफारिश की गई थी। तब राजग की सरकार थी और इस बात पर जोर दिया गया था कि खरीद एकल विक्रेता प्रणाली के जरिये नहीं की जानी चाहिए। इस मामले में कैग की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए यादव ने दावा किया कि न केवल एकल विक्रेता के पहलू की उपेक्षा की गई बल्कि विदेशों में परीक्षण की अनुमति दी गई और तो और उंचाई की सीमा भी पूर्व में निर्दिष्ट 6000 फुट से घटा कर 4500 फुट कर दी गई।

सिंघवी ने हालांकि कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के मुख्य सचिव ब्रजेश मिश्रा ने कहा था कि 6000 फुट की ऊंचाई की सीमा घटाना चाहिए क्योंकि इसकी वजह से एकल विक्रेता की स्थिति उत्पन्न हुई। सपा के रामगोपाल यादव ने बोफोर्स तोप सौदे का जिक्र करते हुए कहा कि रक्षा सौदों को लेकर विवाद के कारण सेना और उसके अधिकारियों के मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि हमें इस मामले में अनावश्यक तिल का ताड़ नहीं करना चाहिए और इसका राजनीतिकरण करने से बचना चाहिए। 

जदयू के शरद यादव ने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि वह पिछले दो साल से सत्ता में है। उसने इस मामले में अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। उन्होंने कहा कि अभी तक रिश्वत लेने वाले खुले क्यों घूम रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय ने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि इटली की अदालत के फैसले में जो संक्षिप्त नामों का इस्तेमाल हुआ है वह किसके लिए है। उन्होंने कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड सौदे के समय रक्षा खरीद महानिदेशक को बाद में संवैधानिक पद दिया गया। उन्होंने कहा कि कहीं अधिकारी को बचाने के लिए तो उसे संवैधानिक पद नहीं दिया गया था।

बसपा की मायावती ने कहा कि इस मामले की सीबीआई द्वारा से जांच की जा रही है। बेहतर होता कि उसकी अंतिम रिपोर्ट आने के बाद ही सदन में इस मुद्दे पर चर्चा होती। उन्होंने इस मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच कराने की मांग की। माकपा के तपन सेन ने उच्चतम न्यायालय की निगरानी में जांच की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि वर्ष 2013 से 2016 के बीच में अभी तक जांच में कोई प्रगति क्यों नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द जांच पूरी कर मामले के तथ्य सामने लाए जाने चाहिए।

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