16 दिसंबर गैंगरेप मामला: दोषी ने 'निर्भया' को ही ठहराया जिम्‍मेवार, कहा- प्रतिरोध करने पर दिए जख्म
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16 दिसंबर गैंगरेप मामला: दोषी ने 'निर्भया' को ही ठहराया जिम्‍मेवार, कहा- प्रतिरोध करने पर दिए जख्म

दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए गैंगरेप (निर्भया कांड) के एक दोषी को अब भी अपने किए पर कोई शर्म नहीं है। गौर हो कि दोषी रेपिस्ट मुकेश सिंह ने इस गैंगरेप के लिए पीडि़त लड़की को ही जिम्मेदार ठहराया। एक न्यूज चैनल से मुकेश ने कहा कि बलात्कार के लिए लड़के से ज्यादा लड़की जिम्मेदार होती है। पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले निर्भया कांड के एक दोषी के निर्भया को ही रेप के लिए जिम्मेदार ठहराने के बाद पूरे देश के लोगों में उबाल है।

16 दिसंबर गैंगरेप मामला: दोषी ने 'निर्भया' को ही ठहराया जिम्‍मेवार, कहा- प्रतिरोध करने पर दिए जख्म

नई दिल्ली : दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए गैंगरेप (निर्भया कांड) के एक दोषी को अब भी अपने किए पर कोई शर्म नहीं है। गौर हो कि दोषी रेपिस्ट मुकेश सिंह ने इस गैंगरेप के लिए पीडि़त लड़की को ही जिम्मेदार ठहराया। एक न्यूज चैनल से मुकेश ने कहा कि बलात्कार के लिए लड़के से ज्यादा लड़की जिम्मेदार होती है। पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले निर्भया कांड के एक दोषी के निर्भया को ही रेप के लिए जिम्मेदार ठहराने के बाद पूरे देश के लोगों में उबाल है।

तिहाड़ जेल में बंद मुकेश सिंह ने बीबीसी को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि अगर निर्भया चुप रहती, प्रतिरोध नहीं करती तो उसकी जान नहीं जाती। मुकेश सिंह ने कुतर्क देते हुए कहा है कि जो महिलाएं रात को बाहर निकलती हैं वो बदमाशों का ध्यान आकर्षित करने के लिए खुद ही जिम्मेदार होती हैं। एक लड़की अपने रेप के लिए आरोपी लड़के से कहीं ज्यादा जिम्मेदार होती है। बता दें कि 16 दिसंबर 2012 को 32 साल की निर्भया के साथ दिल्ली में चलती बस में गैंगरेप हुआ था। इसके बाद पांचों ने उसकी बेरहमी से हत्या कर दी थी। इन्ही में से एक मुकेश था, जो उस वक्त बस चला रहा था।

बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के लिए इंटरव्यू में मुकेश ने कहा कि निर्भया और उसके दोस्त ने अगर हमसे लड़ाई नहीं की होती, तो उन्हें इस कदर नहीं पीटा जाता कि उसकी जान ही चली जाती। रेप और हत्या को एक घटना करार देते हुए मुकेश ने कहा कि जब रेप हो रहा था, तब उसे प्रतिरोध नहीं करना चाहिए था। उसे उस वक्त चुप रहना चाहिए था और हम जो कर रहे थे वो करने देना चाहिए था। अगर ऐसे होता तो हम निर्भया को कहीं पर छोड़ देते।

इंटरव्यू में मुकेश ने ये भी कहा है कि ताली एक हाथ से नहीं बजती। कोई शरीफ लड़की रात के 9 बजे सड़कों पर नहीं घूमती। एक लड़की अपने रेप के लिए लड़कों से ज्यादा जिम्मेदार होती है। लड़का और लड़की एकसमान नहीं है। लड़कियों का काम घर की देखभाल करना है, ना कि डिस्को और बार में जाना, गलत काम करना और गलत कपड़े पहनना। सिर्फ 20 फीसदी लड़कियां ही सही हैं। इस इंटरव्‍यू में इसमें महिलाओं के अधिकार और भारतीय महिलाओं के प्रति भारतीय पुरुषों के नजरिए को दिखाया जाएगा।

26 साल का मुकेश गैंगरेप की घटना के दौरान बस चला रहा था। उसने कोर्ट में निर्भया पर हमला करने की बात से इनकार किया था। लेकिन कोर्ट में उसके खिलाफ पेश अहम सबूतों के आधार पर उसे मौत की सजा सुनाई गई। उधर, गृह मंत्रालय ने इस इंटरव्यू पर कड़ा रुख अख्तियार किया है।

उधर, बलात्कारी मुकेश सिंह के दिए गए आपत्तिजनक बयान के बाद पीड़िता के माता-पिता ने अपनी राय रखी है। पीड़िता के माता-पिता ने मुकेश के बयान को बकवास बताया है। उन्होंने कहा कि ये एक जघन्य अपराध का दोषी है और उसका ये बयान हमारे लिए कोई मायने नहीं रखता। उन्होंने ऐसे अपराध के दोषियों के लिए सिर्फ फांसी की सजा की मांग की है। 'निर्भया' के माता-पिता ने हमारी न्यायिक व्यवस्था पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि हमारी न्यायिक प्रणाली में कुछ चूक है, जिसकी वजह से ऐसे आरोपी इस तरह के बयान दे रहे हैं।

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