परमाणु नीति पर रक्षा मंत्री निजी राय नहीं दे सकते: शिवशंकर मेनन
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परमाणु नीति पर रक्षा मंत्री निजी राय नहीं दे सकते: शिवशंकर मेनन

भारत की ‘पहले परमाणु हथियार का इस्तेमाल नहीं करने’ की नीति को लेकर मनोहर पर्रिकर की ओर से विवादित बयान देने के बाद पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन ने आज कहा कि रक्षा मंत्री के पास यह अधिकार नहीं है कि वह सार्वजनिक तौर पर परमाणु नीति पर बयान दे और खासकर ऐसा बयान जो आधिकारिक रूख के विपरीत हो।

 परमाणु नीति पर रक्षा मंत्री निजी राय नहीं दे सकते: शिवशंकर मेनन

नयी दिल्ली: भारत की ‘पहले परमाणु हथियार का इस्तेमाल नहीं करने’ की नीति को लेकर मनोहर पर्रिकर की ओर से विवादित बयान देने के बाद पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन ने आज कहा कि रक्षा मंत्री के पास यह अधिकार नहीं है कि वह सार्वजनिक तौर पर परमाणु नीति पर बयान दे और खासकर ऐसा बयान जो आधिकारिक रूख के विपरीत हो।

मेनन ने कहा कि पर्रिकर का यह बयान कि भारत को ‘पहले इस्तेमाल नहीं करने’ की नीति को त्याग देना चाहिए न तो परमाणु हथियारों के सामरिक प्रतिरोधक के लिहाज से देशहित में है और न ही परमाणु युद्ध में इन हथियारों की भूमिका के संदर्भ में। उन्होंने इंडिया टुडे चैनल के ‘टू द प्वाइंट’ कार्यक्रम में कहा कि रक्षा मंत्री के पास यह अधिकार नहीं है कि वह सार्वजनिक तौर पर परमाणु नीति पर बयान दे और खासकर ऐसा बयान जो देश की आधिकारिक नीति के विपरीत हो।

पर्रिकर ने पिछले सप्ताह सवाल किया था कि भारत ‘पहले इस्तेमाल नहीं करने की नीति’ पर जोर देने की बजाय यह क्यों नहीं कह सकता कि ‘एक जिम्मेदार परमाणु ताकत के नाते मैं इसका इस्तेमाल गैरजिम्मेदाराना ढंग से नहीं करूंगा।’ साल 1998 के परमाणु परीक्षण के बाद भारत ने परमाणु हथियारों के ‘पहले इस्तेमाल नहीं करने की नीति’ का ऐलान किया था।

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