प्रबंधन कोटे पर केजरीवाल बोले-नियमों को न मानने पर स्कूलों की मान्यता समाप्त कर देंगे
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प्रबंधन कोटे पर केजरीवाल बोले-नियमों को न मानने पर स्कूलों की मान्यता समाप्त कर देंगे

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली स्कूलों का प्रबंधन कोटा समाप्त करने के अपने फैसले पर कहा कि इससे दाखिले में पारदर्शिता आएगी। दिल्ली के सीएम ने कहा कि जो स्कूल सरकार के नियम एवं दिशानिर्देशों का पालन नहीं करेंगे उनकी मान्यता समाप्त कर दी जाएगी।

प्रबंधन कोटे पर केजरीवाल बोले-नियमों को न मानने पर स्कूलों की मान्यता समाप्त कर देंगे

नई दिल्ली : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली स्कूलों का प्रबंधन कोटा समाप्त करने के अपने फैसले पर कहा कि इससे दाखिले में पारदर्शिता आएगी। दिल्ली के सीएम ने कहा कि जो स्कूल सरकार के नियम एवं दिशानिर्देशों का पालन नहीं करेंगे उनकी मान्यता समाप्त कर दी जाएगी।

केजरीवाल ने रविवार को कहा कि निजी विद्यालयों में नर्सरी प्रवेश के लिए प्रबंधन कोटा समाप्त करने के बाद 50 प्रतिशत सीटें आम जनता के लिए उपलब्ध करायी गई हैं। केजरीवाल ने साथ ही जोर देकर कहा कि सरकार का विद्यालयों के दैनिक मामलों में ‘हस्तक्षेप’ करने का कोई इरादा नहीं है।

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार 75 प्रतिशत खुली सीटों के लिए आनलाइन प्रवेश के बारे में अगले वर्ष ‘सोचेगी।’ केजरीवाल उन अभिभावकों से बातचीत कर रहे थे जो अपने बच्चों का प्रवेश कराना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘दिल्ली सरकार ने विद्यालयों में प्रवेश पूरी तरह से पारदर्शी बना दिया है। सरकार ने वह प्रबंधन कोटा समाप्त कर दिया है जिसका इस्तेमाल राजनेताओं, सरकारी अधिकारियों और शक्तिशाली लोगों को उपकृत करने के लिए किया जाता था। इससे करीब 50 प्रतिशत अतिरिक्त सीटें आम आदमी के लिए खुल गई हैं।’

उन्होंने कहा कि सरकार ने ऐसा करके ‘अपने ही हाथ काट लिये हैं’ क्योंकि अब विद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया बिना किसी सिफारिश के पारदर्शी तरीके से होगी।’ उन्होंने कहा, ‘हमें उससे कोई लाभ नहीं होगा और सरकार एवं मुख्यमंत्री ने बल्कि अपने हाथ काट लिये हैं नहीं तो हमारे अपने कार्यकर्ता सिफारिशें लाते और हम प्रवेश के लिए सीटें बांटते।’

बच्चों के लिए प्रवेश चाहने वाले अभिभावकों की शिकायतों और सुझावों का जवाब देते हुए केजरीवाल ने कहा कि प्रबंधन कोटा और प्रवेश के लिए 62 मानदंड समाप्त कर दिये गए हैं क्योंकि वे ‘उचित, निष्पक्ष और पारदर्शी नहीं थे।’ उन्होंने कहा, ‘हमने विद्यालयों पर विश्वास किया और उन्हें अपने प्रवेश के मानदंड वेबसाइट पर अपलोड करने की इजाजत दी। यद्यपि कुछ विद्यालयों ने हमारे साथ विश्वासघात किया और इन मानदंडों और पूर्व छात्र एवं भाई-बहन कोटा जैसे विभिन्न कोटे के जरिये करीब 75 प्रतिशत सीटें आरक्षित रख ली।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि 25 प्रतिशत सीटों पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के तहत प्रवेश भी अनियमितताओं से भरा था और सरकार ने अब इस प्रक्रिया को आनलाइन कर दिया है।

उन्होंने कहा, ‘यदि वे अच्छी चीजें करना चाहते हैं तो उन्हें इससे बेहतर सरकार नहीं मिलेगी लेकिन यदि वे अनियमितताओं में लिप्त होंगे तो उन्हें इससे बुरी सरकार नहीं मिलेगी।’ उन्होंने कहा, ‘अब विद्यालयों का इसमें कोई प्रभाव नहीं होगा। जो लोग नियमों एवं दिशानिर्देशों का पालन नहीं करेंगे उनकी मान्यता समाप्त कर दी जाएगी।’ केजरीवाल ने कहा कि सरकार का उनके दैनिक कामकाज में ‘हस्तक्षेप’ करने का कोई इरादा नहीं है।

केजरीवाल ने एक अभिभावक के सुझाव पर कहा, ‘हम 75 प्रतिशत सीटों पर आनलाइन प्रवेश के बारे में अगले वर्ष सोचेंगे’

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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