'AAP सरकार ने हर साल विज्ञापन पर खर्च किए 70.5 करोड़, यानी पिछली सरकारों से 4 गुना ज्यादा'
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'AAP सरकार ने हर साल विज्ञापन पर खर्च किए 70.5 करोड़, यानी पिछली सरकारों से 4 गुना ज्यादा'

सरकार ने फरवरी 2015 में कार्यकाल शुरू करने के बाद उस साल विज्ञापन में 59.9 करोड़ रुपये, अगले वर्ष 66.3 करोड़ रुपये और 31 दिसंबर 2017 तक 85.3 करोड़ रुपये खर्च किए."

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने पिछले तीन वर्षों में विज्ञापन में वार्षिक आधार पर औसत 70.5 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जो पिछली सरकारों द्वारा प्रिंट, मीडिया और बाहरी विज्ञापन पर किए गए खर्च का चार गुना ज्यादा है. यह जानकारी सूचना का अधिकार (आरटीआई) के तहत आए जवाब में मिली है.  आईएएनएस के द्वारा दाखिल आरटीआई के जवाब में सूचना एवं प्रचार निदेशालय (डीआईपी) ने बताया, "मौजूदा सरकार ने फरवरी 2015 में कार्यकाल शुरू करने के बाद उस साल विज्ञापन में 59.9 करोड़ रुपये, अगले वर्ष 66.3 करोड़ रुपये और 31 दिसंबर 2017 तक 85.3 करोड़ रुपये खर्च किए."

  1. कांग्रेस की तुलना में आप ने 300% ज्यादा खर्च किए विज्ञापन पर
  2. इससे जुड़ा एक मामला हाईकोर्ट में लंबित
  3. आप के प्रवक्ता का टिप्पणी से इनकार

आप सरकार द्वारा अप्रैल, 2015 से दिसंबर 2017 तक किया गया औसत खर्च 70.5 करोड़ रुपये है. कांग्रेस ने अपने शासन (2008-2013) तक पांच वर्षों में औसत 17.4 करोड़ रुपये खर्च किए. डीआईपी के अनुसार, विज्ञापन के लिए किए गए खर्च में मुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों के फोटो के साथ अखबारों और होर्डिग्स में विज्ञापन, टीवी और रेडियो में विज्ञापन, अखबार में प्रकाशित टेंडर नोटिस शामिल है. 

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विज्ञापन पर कब-कब खर्च किए दिल्ली सरकार ने 
उदाहरण के तौर पर, जब आप सरकार ने वर्ष 2016 और 2017 में क्रमश: अपने पहली और दूसरी वर्षगांठ पूरी की, राजधानी के अखबारों में सरकार की उपलब्धियों का बखान करने वाली विज्ञापनों को पूरे पृष्ठ में प्रकाशित किया गया. सरकार के तीन वर्ष पूरे होने पर, सरकार ने फरवरी के पहले दो हफ्तों में मुख्यमंत्री व अन्य मंत्रियों के तस्वीर के विज्ञापन प्रकाशित किए. विज्ञापनों में सामुदायिक शौचालयों, छात्रों के बीच उत्कृष्टता पुरस्कारों का वितरण, स्मार्ट गांव पर सरकार की बैठक और छात्रवृति योजनाओं के आवेदन के बारे में बताया गया.

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कांग्रेस की तुलना में आप ने 300% ज्यादा खर्च किए विज्ञापन पर 
कांग्रेस सरकार की तुलना में आप सरकार ने विज्ञापनों पर 300 प्रतिशत ज्यादा खर्च किए. डीएवीपी के अनुसार, लेकिन एक अग्रणी अंग्रेजी अखबार ने कांग्रेस की तुलना में आप सरकार के कार्यकाल में औसत विज्ञापन दर में 17 प्रतिशत की वृद्धि की है. इसी समय, एक अन्य अग्रणी अखबार द्वारा कांग्रेस की तुलना में आप से लिए गए औसत विज्ञापन दर में 35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की 2017 की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली की आप सरकार ने एक वर्ष पूरे होने पर वर्ष 2016 में अपने मीडिया कैंपेन के लिए आवंटित राशि का 86 प्रतिशत खर्च किया.

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इससे जुड़ा एक मामला हाईकोर्ट में लंबित
पिछले वर्ष, सरकार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर तब आ गई थी, जब उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आप से सरकार के बदले पार्टी का प्रचार करने पर 97 करोड़ रुपये वसूलने के आदेश दिए थे. उपराज्यपाल ने यह आदेश द कमेटी ऑन कंटेंट रेगुलेशन ऑफ गर्वमेंट एडवरटाइजिंग (सीसीआरजीए) की रिपोर्ट के आधार पर दिया था. उपराज्यपाल के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने उच्च न्यायालय का रुख किया था. मामला अभी लंबित है.

आप के प्रवक्ता का टिप्पणी से इनकार
दिल्ली सरकार के प्रवक्ता नागेंद्र शर्मा ने कहा, "मैं बढ़े हुए खर्च पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता." दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन ने कहा, "वे लोग (आप) विज्ञापन की शक्ति का इस्तेमाल टीवी चैनलों और अखबारों पर दबाव बनाने के लिए कर रहे हैं. वे लोग इसे बेरहमी के साथ कर रहे हैं." भाजपा विधायक और दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने आईएएनएस से कहा, "सरकार का विज्ञापन पर खर्च करना 'अतार्किक' है. जनता के पैसे का दुरुपयोग पूरी तरह अनैतिक और अनुचित है.

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