अलका लांबा ने आरोप लगाया कि दो परिवारों को निजी केमिस्ट से दवा खरीदने के लिए मजबूर किया गया, जबकि उनका इलाज दिल्ली सरकार द्वारा संचालित जी. बी. पंत अस्पताल में चल रहा था.
Trending Photos
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने शुक्रवार को एक बीजेपी विधायक को सदन से बाहर निकालने व एक अन्य विधायक को निलंबित करने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) की बागी विधायक अलका लांबा को भी मार्शलों के जरिए सदन से बाहर निकलवा दिया.
चांदनी चौक से विधायक लांबा सदन से निकाले जाने के समय दिल्ली सरकार की आलोचना कर रही थीं. लांबा ने आरोप लगाया कि दो परिवारों को निजी केमिस्ट से दवा खरीदने के लिए मजबूर किया गया, जबकि उनका इलाज दिल्ली सरकार द्वारा संचालित जी. बी. पंत अस्पताल में चल रहा था.
लांबा ने कहा कि दिल्ली सरकार दावा कर रही है कि शहर में लोगों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा और दवाइयां दी जा रही हैं मगर परिवारों को सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए कर्ज लेने पर मजबूर किया जा रहा है.
उनके दावे का जवाब देते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि वह इस मामले को देखेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि इस अस्पताल में मरीजों की भारी संख्या रहती है, क्योंकि यहां पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के लोग भी इलाज के लिए आते हैं. उन्होंने कहा कि लोगों को दवा लेने के लिए कई बार कतार में लगकर छह घंटे तक इंतजार करना पड़ता है.
लांबा ने जारी रखा बोलना
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने लांबा से इस विषय को समाप्त करने के लिए कहा, क्योंकि मंत्री ने इस पर अपना आश्वासन दे दिया था. बावजूद इसके लांबा ने इस मुद्दे पर बोलना जारी रखा.
अध्यक्ष ने उनस अपनी सीट पर बैठने के लिए कई बार अनुरोध किया, मगर वह लगातार बोलती रहीं. इसके बाद अध्यक्ष ने उन्हें चायकाल तक सदन से बाहर जाने का आदेश दिया.
आप विधायक लांबा पिछले साल से ही अपनी पार्टी के खिलाफ मुखर हैं. उसने यह भी घोषणा की है कि वह एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में अगला विधानसभा चुनाव लड़ेंगी.
विजेंद्र गुप्ता को पूरे सत्र के लिए किया गया निलंबित
इससे पहले, दिन में गोयल ने सदन में असंसदीय भाषा का उपयोग करने पर बीजेपी विधायक और विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता को पूरे सत्र की अवधि के लिए निलंबित कर दिया.
जैसे ही सत्र शुरू हुआ, गुप्ता के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक ओ.पी. शर्मा, जगदीश प्रधान और मजिंदर सिंह सिरसा ने सदन में हंगामा खड़ा कर दिया. वे जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 को रद्द करने संबंधी फैसले पर चर्चा की मांग कर रहे थे.
हंगामे के बाद गुप्ता को सदन से निलंबित कर दिया गया, जबकि सिरसा को बाहर निकाल दिया गया.