अभी भी सही नहीं हुई हवा, दिल्ली में आज भी नहीं मिलेगी ट्रकों को एंट्री
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अभी भी सही नहीं हुई हवा, दिल्ली में आज भी नहीं मिलेगी ट्रकों को एंट्री

राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता की समीक्षा करने वाले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) नीत कार्यबल की अनुशंसाओं पर उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त एजेंसी ने दिल्ली में वाहनों के प्रवेश पर रोक की अवधि बढ़ा दी थी.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में रविवार (11 नवंबर) को करीब 600 वाहनों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई. दिल्ली में प्रदूषण के बढ़े हुए स्तर के चलते एक दिन पहले ही पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण अधिकरण (ईपीसीए) ने ट्रकों के प्रवेश पर रोक 12 नवंबर तक बढ़ा दी थी. संयुक्त पुलिस उपायुक्त (यातायात) आलोक कुमार के मुताबिक, 1,283 वाहनों की जांच की गई और 609 वाहनों को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई.

उन्होंने बताया कि जरूरी वस्तुएं ले जा रहे करीब 734 वाहनों को 10 नवंबर रात 11 बजे से 11 नवंबर की सुबह पांच बजे तक राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश की इजाजत दी गई थी. राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता की समीक्षा करने वाले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) नीत कार्यबल की अनुशंसाओं पर उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त एजेंसी ने दिल्ली में वाहनों के प्रवेश पर रोक की अवधि बढ़ा दी थी.

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दिल्ली की वायु गुणवत्ता में कोई सुधार होता नजर नहीं आ रहा है, हालात ये हो गए हैं कि लोगों को अपने घरों से मास्क पहन कर बाहर निकलना पड़ रहा है. दिवाली पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना के बाद लोगों ने पटाखे फोड़ने में कोई कमी नहीं की. ऐसे में दिल्ली हवा और जहरीली हो गई है.

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वहीं, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने पटाखों की बिक्री और उन्हें जलाये जाने के संबंध में उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन नहीं होने पर दिल्ली-एनसीआर के पुलिस विभागों और अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.  सीपीसीबी की अगुवाई वाले कार्यबल ने कहा कि चूंकि ‘गंभीर से बेहद गंभीर’ स्थिति 37 घंटे तक बनी रही ऐसे में वह सिफारिश करती है कि निर्माण गतिविधियों, कोयला और बायोमास पर आधारित उद्योगों, ट्रकों के प्रवेश पर चल रही पाबंदी 12 नवंबर, 2018 तक बढ़ाई जाए. कार्यबल राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता की समीक्षा करता है. 

सीपीसीबी ने अनधिकृत पटाखों की बिक्री और उन्हें जलाये जाने पर पाबंदी नहीं लगाने पर गुडग़ांव, गाजियाबाद, फरीदाबाद और नोएडा के जिलाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया. इन पटाखों से वायु की गुणवत्ता पर बहुत बुरा असर पड़ता है. सीपीसीबी के मुताबिक गाजियाबाद, फरीदाबाद और ग्रेटर नोएडा में गंभीर वायु गुणवत्ता दर्ज की गई, जबिक नोएडा और गुडग़ांव में बहुत खराब वायु गुणवत्ता दर्ज की गई.

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