दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस को जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य पर 2016 के राजद्रोह मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी.
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नई दिल्ली: दिल्ली सरकार (Delhi government) द्वारा 2016 के राजद्रोह मामले ( Sedition Case) में केस चलाने की मंजूरी देने पर कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) ने आप सरकार को धन्यवाद कहा है. कन्हैया कुमार ने कहा, 'दिल्ली पुलिस और सरकारी वक़ीलों से आग्रह है कि इस केस को अब गंभीरता से लिया जाए.'
कन्हैया कुमार ने ट्वीट कहा, 'दिल्ली सरकार को सेडिशन केस की परमिशन देने के लिए धन्यवाद. दिल्ली पुलिस और सरकारी वक़ीलों से आग्रह है कि इस केस को अब गंभीरता से लिया जाए, फास्ट ट्रैक कोर्ट में स्पीडी ट्रायल हो और TV वाली ‘आपकी अदालत’ की जगह क़ानून की अदालत में न्याय सुनिश्चित किया जाए. सत्यमेव जयते.'
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, 'सेडिशन केस में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट और त्वरित कार्रवाई की जरुरत इसलिए है ताकि देश को पता चल सके कि कैसे सेडिशन क़ानून का दुरूपयोग इस पूरे मामले में राजनीतिक लाभ और लोगों को उनके बुनियादी मसलों से भटकाने के लिए किया गया है.'
सेडिशन केस में फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट और त्वरित कार्रवाई की जरुरत इसलिए है ताकि देश को पता चल सके कि कैसे सेडिशन क़ानून का दुरूपयोग इस पूरे मामले में राजनीतिक लाभ और लोगों को उनके बुनियादी मसलों से भटकाने के लिए किया गया है।
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) February 28, 2020
दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस को जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य पर 2016 के राजद्रोह मामले में मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, "हमें इस मामले में कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली सरकार से मंजूरी मिल गई है."
दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ (स्पेशल सेल) ने 19 फरवरी को दिल्ली के गृह सचिव को पत्र लिखकर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार से जुड़े जेएनयू देशद्रोह मामले में मंजूरी देने की प्रक्रिया को तेज करने का अनुरोध किया था. इसके लिए स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा ने पत्र लिखकर मुकदमा चलाए जाने के लिए प्रक्रिया को तेज करने का अनुरोध किया था.
दिल्ली की एक अदालत ने छात्र नेता कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली सरकार से जेएनयू देशद्रोह मामले में मंजूरी से संबंधित स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था.
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पुरुषोत्तम पाठक ने भी दिल्ली पुलिस को सरकार को एक अनुस्मारक (रिमाइंडर/याद दिलाना) भेजने का निर्देश दिया है. न्यायाधीश ने कहा, "नई सरकार का गठन किया गया है, एक अनुस्मारक भेजें." अदालत अब इस मामले में तीन अप्रैल को सुनवाई करेगी.
सुनवाई की पिछली तारीख को अरविंद केजरीवाल सरकार ने अदालत को सूचित किया था कि अभी तक इस मामले में कोई निर्णय नहीं लिया गया है. इसके अलावा यह भी कहा गया कि फाइल दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के समक्ष लंबित है, जो गृह मंत्रालय का कार्यभार भी संभाल रहे हैं. सरकारी वकील ने अदालत में एक पत्र प्रस्तुत करके जवाब दाखिल किया है.
उल्लेखनीय है कि नौ फरवरी 2016 को जेएनयू परिसर में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु और मकबूल बट को दी गई फांसी के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन का आयोजन किया गया था. इस मामले में कन्हैया, उमर खालिद और अनिर्बान को गिरफ्तार किया गया था.
उनपर आरोप है कि उन्होंने देश विरोधी नारेबाजी का समर्थन किया था. कन्हैया उस वक्त जेएनयूएसयू के अध्यक्ष थे. इस गिरफ्तारी के खिलाफ देशभर में अलग-अलग विश्वविद्यालय परिसरों में विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला था. हालांकि, बाद में तीनों को जमानत दे दी गई थी.