इस तरह की लापरवाही दिखाता है कि कॉलेज अपने यहां एकैडमिक वातावरण तैयार करने को लेकर कितने ढीले हैं.
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नई दिल्ली: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी को प्रिंसिपल की नियुक्ति न करने को लेकर आड़े हाथो लिया है. यूनिवर्सिटी को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर पूर्णकालिक प्रिंसिपल की नियुक्ति नहीं की गई तो कॉलेज का फंड रोक दिया जाएगा. यूजीसी के सेक्रेटरी प्रो. रजनीश जैन ने कहा कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के 21 कॉलेज में पूर्णकालिक प्रिंसिपल नहीं हैं. हम इस संबंध में पूर्व में निर्देश जारी किए थे, लेकिन अभी तक इसके अनुपालन में कोई खासी तरक्की नहीं देखने को मिली है.
जैन ने कहा कि कई कॉलेज में इस सिलसिले में इंटरव्यू ही नहीं कराया गया है. इस तरह की लापरवाही दिखाता है कि कॉलेज अपने यहां एकैडमिक वातावरण तैयार करने को लेकर कितने ढीले हैं. सभी कॉलेज को इस संबंध में 13 अगस्त को नोटिस भेजा जा चुका है.
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नोटिस में वैधानिक बोर्ड जो भारत में उच्च शिक्षा के लिए जिम्मेदार है, ने कहा कि हकीकत यह है कि इन कॉलेज में 15 जुलाई 2018 तक ही पूर्णकालिक प्रिंसिपल की नियुक्ति हो जानी थी. अब यूजीसी ने कहा है कि यह प्रक्रिया आप 31 अगस्त 2018 तक पूरी कर लें. नोटिस में कहा गया है कि इस तिथि तक अगर यह कार्य संपन्न नहीं हुआ तो उन कॉलेज के फंड पर रोक लगाई जा सकती है
कॉलेज की लापरवाही का पता इसी से लगाया जा सकता है कि नोटिस जारी होने के बाद से अबतक एकमात्र कॉलेज ने पूर्णकालिक प्रिंसिपल की नियुक्ति प्रक्रिया संपन्न की है, जबकि कुछ अन्य कॉलेज अभी इसमें कुछ पहल कर रहे हैं. अगर यह तय समयसीमा में नियुक्ति नहीं करते हैं तो कॉलेज के सारे लाभ रोक दिए जाएंगे. यूजीसी एक शीर्ष निकाय के रूप में नियमित रूप से उच्च शिक्षा की गुणवत्ता पर ध्यान रखता है.