मनजीत मलिक ने अपनी जमा-पूंजी लगाकर आर्चरी एकेडमी तैयारी की. इस एकेडमी ने 8 इंटरनेशनल और 35 नेशनल खिलाड़ियों को तैयार किया है.
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चंडीगढ़ : तीरंदाजी की दुनिया में भारत में इंटरनेशनल खिलाड़ी उभर रहे हैं. आर्चरी यानी तीरंदाजी एक महंगा खेल है, लेकिन हरियाणा के एक गांव में किसान और मजदूर के बच्चे महंगे धनुष-बाणों से अपने लक्ष्य पर अचूक निशाना साध रहे हैं. हिसार जिले का उमरा गांव तीरंदाजों के गांव के रूप में तेजी से ख्याति हासिल कर रहा है.
गांव के मनजीत मलिक ने अपनी जमा-पूंजी लगाकर यहां आर्चरी एकेडमी तैयारी की है. इस एकेडमी को चलते हुए तकरीबन 15 साल हो गए हैं. इस एकेडमी ने 8 इंटरनेशनल और 35 नेशनल मिलाकर 80 से ज्यादा खिलाड़ियों को तैयार किया है.
इस आर्चरी एकेडमी पर शनिवार को एक डॉक्यूमेन्ट्री जारी की गई. प्रदेश के वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने एक कार्यक्रम में इस डॉक्यूमेंट्री को जारी किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि हरियाणा स्पोर्ट का हब बनता जा रहा है. यहां गांव-गांव में इंटरनेशनल खिलाड़ी तैयार हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर हरियाणा के खिलाड़ी भारत का परचम लहरा रहे हैं.
प्रसिद्ध वेब सीरीज ‘सारे जहां से अच्छा’ के चौथे एपिसोड में इस गांव की कहानी दिखाई गई है. यह वेब सीरीज नेक्स्ट एंटरनेंटमेंट हाउस द्वारा तैयार की गई है. निर्देशक प्रकाश भारद्वाज और निर्माता पंकज जयसवाल ने बताया कि लीक से हटकर काम करने वाले लोगों पर वह वेब सीरीज बना रहे हैं.
सीरीज की लेखिका पूजा सैनी ने बताया कि वह ‘सारे जहां से अच्छा’ के लिए असल जिंदगी के हीरो तलाश करके लोगों के सामने ला रहे हैं. आर्चरी एकेडमी की यह कहानी हरियाणा ही नहीं पूरे देश के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है.
उन्होंने बताया कि उनका अगली सीरीज जिंद गांव की महिला किसानों पर आधारित होगी. उन्होंने बताया कि ‘सारे जहां से अच्छा’ के सभी एपिसोड को लोगों द्वारा खूब पसंद किया जा रहा है.
आर्चरी एकेडमी के कोच मनजीत मलिक के बारे में उन्होंने बताया कि मनजीत सिंह ने अपनी जमा-पूंजी लगातार यह एकेडमी तैयार की है और गरीब बच्चों को तीरंदाजी के गुर सिखा रहे हैं.